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अब किसान स्वयं पोर्टल पर अपडेट कर सकेगा फसल खराब होने का ब्यौरा, बीमा कंपनी के अधिकारी करेंगे सर्वे

अब हरियाणा (Haryana) में किसान स्‍वयं मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल खराब होने पर अपडेट कर सकेगा। पोर्टल पर अपडेट होने के बाद पटवारी बीमा कंपनी और कृषि अधिकारी खेत में जाकर सर्वे करेंगे। पहले किसानों को फसल खराब होने पर शिकायत देनी होती थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 10:45 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 10:45 AM (IST)
अब किसान स्वयं पोर्टल पर अपडेट कर सकेगा फसल खराब होने का ब्यौरा, बीमा कंपनी के अधिकारी करेंगे सर्वे
मेरी फसल मेरा ब्‍योरा में किसान खुद जानकारी अपडेट कर सकेंगे।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। अब किसानों को मौसम की मार से फसल खराब होने के बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (एमएफएमबी) पर ही अपनी फसल खराब होने की जानकारी दिए जाने की सुविधा शुरू कर दी गई है। ऐसे में किसान फसल खराब होते ही इसकी जानकारी पोर्टल पर अपडेट करेंगे और इसके बाद पटवारी, बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारी खेत का सर्वे करने पहुंचेंगे।

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गौरतलब है प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की फसलों को पंजीकृत करने के लिए एमएफएमबी पोर्टल शुरू किया गया है। इसी पोर्टल पर पंजीकृत गेहूं और धान को अनाज मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है व सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। किसानों की समस्या को देखते हुए सरकार ने अब इसी पोर्टल पर फसल खराब होने की जानकारी भी अपडेट करने की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके शुरू होने के बाद अब किसान अपने घर से ही फसल का ब्यौरा अपडेट कर सकेगा।

जिला भर के करीब एक लाख 25 हेक्टेयर क्षेत्र में अलग-अलग फसलों की बिजाई की जाती है। सरकार की सभी फसलों की जानकारी के लिए एमएफएमबी पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर किसानों की फसल को ब्यौरा अपडेट होने पर सरकार गेहूं व धान की खरीद शुरू होने से पहले ही इसके लिए भंडारण और उठान सहित अन्य तरह की जरूरी तैयारियां पूरी करती है। पहले इस पोर्टल पर केवल फसलों का ब्यौरा ही अपडेट किया जा सकता था।

फसल खराब होने पर 72 घंटे तक देनी होती थी शिकायत

कई बार बेमौसमी बारिश व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को नुकसान पहुंचता है। इस नुकसान पर मुआवजे के लिए किसानों को 72 घंटे तक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कार्यालय में शिकायत देनी पड़ती थी। कई बार फसलों को नुकसान की आभास की पांच से सात दिन बाद होता था। तब तक मुआवजे के लिए आवेदन करने का मौका हाथ से निकल जाता था। इतना ही नहीं तेज बारिश होने के बाद 72 घंटे तक विभाग के कार्यालय में किसानों की धक्का-मुक्की रहती थी।

अब पोर्टल पर भी कर सकेंगे अपडेट

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि अब किसान स्वयं ही एमएफएमबी पोर्टल पर फसल के खराब होने की जानकारी अपडेट कर सकेंगे। इसके बाद विभाग के अधिकारी संबंधित अधिकारियों के साथ खेत का सर्वे करेंगे और इसकी रिपोर्ट तैयार कर बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा जारी कर दिया जाएगा।


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