जहां से सबसे ज्यादा सैनिक, उस प्रदेश के नौजवानों नहीं बनना चाहते थानेदार
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा हुई। इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी रजिस्टर्ड थे, लेकिन इनमें से करीब 60 फीसद भी नहीं पहुंचे। जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ।
पानीपत, जेएनएन। जहां के नौजवान सबसे ज्यादा देश की सुरक्षा के लिए सेना में है, उस प्रदेश में थानेदार बनने के लिए उनको कोई रुचि नहीं है। वे पुलिस विभाग में नहीं भर्ती होना चाहते हैं। ये हम नहीं बल्कि एसआइ की परीक्षा के आंकड़ें कह रहे हैं। करीब 60 फीसद अभ्यर्थी ही इस परीक्षा में शामिल हुए। आखिर इतनी कम संख्या पहुंचने के पीछे क्या थी वजह, जानने के लिए पढ़ें दैनिक जागरण की ये खबर।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से रविवार को सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा ली गई। इसमें पानीपत से करीब 44, यमुनानगर में 71, कुरुक्षेत्र में 46, अंबाला में 92 और करनाल में 67 केंद्रों पर परीक्षा हुई। इन परीक्षा केंद्रों में करीब 62 फीसद ही अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। ये आंकड़े हैरान कर देने वाले थे, जबकि ग्रुप डी की परीक्षा में 70 फीसद से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
ये रहा हाल
पानीपत के 44 परीक्षा केंद्रों पर 18006 में से 11827 ने परीक्षा दी। 6179 अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे। वहीं अंबाला में 92 परीक्षा केंद्र में 41456 अभ्यर्थी शामिल होने थे इसमें से 25871 अभ्यर्थी शामिल नहीं हुए। वहीं करनाल में 67 परीक्षा केंद्र में 41456 अभ्यर्थी शामिल होने थे लेकिन 25871 ही परीक्षा में बैठे। यमुनानगर में 71 परीक्षा केंद्र में 21004 अभ्यर्थी बैठने थे, लेकिन पहुंचे 12900 अभ्यर्थी। कुरुक्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही हाल रहा। यहां 46 परीक्षा केंद्रों में 15972 अभ्यर्थी शामिल हुए, जबकि 25200 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड थे।
परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड की जांच करती पुलिसकर्मी।
ये बड़ी वजह
पिछले दिनों हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से हुई ग्रुप डी की परीक्षा में अव्यवस्था हावी रही थी। प्रदेश में लाखों की संख्या में अभ्यर्थी आए थे। रोडवेज के अलावा रेलवे में भारी भीड़ के चलते अभ्यर्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अभ्यर्थियों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ी थी। कुछ अभ्यर्थियों को जान भी गंवानी पड़ी थी। कुछ अभ्यर्थियों का कहना था कि ग्रुप डी में अव्यवस्था की वजह से आने में काफी डर था। इसलिए एक दिन पहले ही यहां आ गए थे।