सरकार का आयुष्मान योजना पर जोर, यमुनानगर के 95 गांवों में नहीं बने एक भी कार्ड
एक तरफ सरकार का आयुष्मान योजना पर जोर है। वहीं दूसरी तरफ यमुनानगर के 95 गांवों में एक भी कार्ड नहीं बने हैं। आयुष्मान योजना के पात्र अब तक सामने नहीं आए हैं। रादौर प्रतापनगर छछरौली के गांवों में ज्यादा जोर है।
यमुनानगर, जेएनएन। आयुष्मान योजना को लेकर पात्र अभी जागरूक नहीं हैं। जिले में 95 गांव ऐसे हैं। जहां पर एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना। जबकि इन गांवों में आयुष्मान के पात्र हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 15 मार्च तक विशेष अभियान चलाया, लेकिन सभी पात्र कवर नहीं हुए। इसलिए अब 22 तक अभियान को बढ़ाया गया है।
विशेषतौर पर रादौर, प्रतापनगर, छछरौली क्षेत्र के गांवों पर जोर दिया जा रहा है, क्योंकि इन जगहों पर सबसे कम कार्ड बने हैं। सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि आयुष्मान के गोल्डन कार्ड बनाने में जिला यमुनानगर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है।
वर्ष 2018 में आयुष्मान योजना जिले में शुरू हुई। यहां पर चार लाख 24 हजार 50 पात्रों सूची में आई, लेकिन तीन सालों में भी सभी पात्रों के कार्ड नहीं बन सके। अभी तक महज दो लाख लोगों के ही कार्ड बने हैं। कुछ दिक्कत यह भी आ रही है कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पात्रों का चयन किया गया। उस समय दिए गए मोबाइल नंबर व पते भी बदल चुके हैं। जिससे इन पात्रों को तलाशने में दिक्कत आ रही है।
हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएचसी व अटल सेवा केंद्रों पर व्यवस्था कर रखी है। जहां पर पात्रता का पता लगाया जा सकता है। इसके बावजूद सभी लोग कार्ड बनवाने नहीं आ रहे हैं। पात्रता के बारे में पीएमजे डाट जीओवी डाट इन साइट पर पता लगाया जा सकता है।
त्रुटी ठीक कराने के लिए पटवारी से भी करा सकते हैं तस्दीक
आयुष्मान योजना में लाभार्थियों के नामों में गड़बड़ी भी मिली है। इसमें किसी नए परिवार को जोड़ा या हटाया नहीं जा सकता। यदि कोई पहले से आयुष्मान लाभार्थी है, तो उस परिवार में जन्मे नए बच्चे या नवविवाहित वधु का नाम जोड़ा जा सकता है। यदि किसी के नाम में कोई त्रुटि है, तो उसे भी ठीक कराया जा सकता है। पहले त्रुटी ठीक करने का अधिकार केवल जिला नोडल अधिकारी के पास था, लेकिन अब खंड स्तर पर प्रवर चिकित्सा अधिकारी, पटवारियों व गांव के सरपंच से भी नाम की तस्दीक कराकर ठीक कराया जा सकता है।