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सीएचसी में रैबीज का इंजेक्शन नहीं, मरीज बेहाल

सीएचसी में करीब एक महीने से रैबीज का इंजेक्शन नहीं है। लोगों को पानीपत सिविल अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है। मजबूरी में मरीजों को इसे बाजार से खरीदना पड़ता है। असमर्थ लोगों को इससे परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 07:57 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 07:57 AM (IST)
सीएचसी में रैबीज का इंजेक्शन नहीं, मरीज बेहाल
सीएचसी में रैबीज का इंजेक्शन नहीं, मरीज बेहाल

जागरण संवाददाता, समालखा : सीएचसी में करीब एक महीने से रैबीज का इंजेक्शन नहीं है। लोगों को पानीपत सिविल अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है। मजबूरी में मरीजों को इसे बाजार से खरीदना पड़ता है। असमर्थ लोगों को इससे परेशानी हो रही है।

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सीएचसी की प्रतिदिन की ओपीडी दो सौ के करीब है। इस सीजन में औसतन 8-10 लोग प्रतिदिन कुत्ता, बंदर, बिल्ली काटने के आते हैं। पशुओं के काटने से होने वाली बीमारी के संक्रमण रोकने के लिए उन्हें रैबीज के इंजेक्शन लगाने की जरूरत होती है। बाजार में यह तीन से साढ़े तीन सौ रुपये में मिलता है। वहीं, सीएचसी में यह बीपीएल परिवारों को निशुल्क तो अन्य को सौ रुपये में उपलब्ध होता है। सूई के नहीं होने से गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। डॉ. पुनीत धानिया का कहना है कि वैसे तो पशुओं के काटने के तुरंत बाद इसे लगाया जाना चाहिए, लेकिन 24 घंटे के भीतर इसे लगाया जाना जरूरी होता है। नहीं तो संक्रमण फैलने का डरा रहता है। एसएमओ डॉ. पवन कुमार ने कहा कि ऑनलाइन इंडेंट डाला हुआ है। सेंट्रल स्टोर में दवा नहीं है। वहां दवा के आते ही मंगवा लिया जाएगा।


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