नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेने से पहले कर ले ये काम, नहीं तो रजिस्ट्री करवाना मुश्किल
हरियाणा जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री के एनडीसी की साइट पर जाकर आपत्ति दर्ज करवानी होनी। इस आपत्ति के बाद पता संबंधित प्रापर्टी पर पता लगेगा कितना टैक्स है। इस साफ्टवेयर की मदद से अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।
पानीपत, जागरण संवाददाता। हरियाणा में जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री कराना आसान नहीं होगा। रजिस्ट्री कराने से पहले निगम और जिला योजनाकार कार्यालय से नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना होगा। इसके लिए एनडीसी की साइट पर लोग घर बैठे ही आपत्ति दर्ज करवा सकते है। इस आनलाइन साइट पर 15 दिन के अंदर-अंदर इसका जवाब आनलाइन ही मिल जाएगा। अगर किसी को आनलाइन आपत्ति दर्ज नहीं करवानी आती तो वह अटल सेवा केंद्र पर भी जाकर आपत्ति दर्ज करवा सकते है।
जमीन रजिस्ट्री के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट जरुरी
जो भी रजिस्ट्री होंगी उस जमीन-जायदाद की होंगी जिनके मालिक ने नो ड्यूज का सर्टिफिकेट ले रखा है। अगर कोई भी रजिस्ट्री कराने तहसील में गया और रजिस्ट्री लिखवाने समेत सभी कार्य पूर्ण कराए लिए हैं, बावजूद इसके तब तक रजिस्ट्री नहीं होगी जब तक जमीन-जायदाद के सरकारी ड्यूज क्लियर होने का प्रमाण नहीं होगा। साफ्वेयर वहां से आगे नहीं बढ़ेगा, जब तक नो ड्यूज पूरी तरह से क्लियर नहीं होंगे। इसलिए जमीन, मकान, दुकान, शोरूम इत्यादि किसी भी तरह की प्रॉपर्टी खरीदकर रजिस्ट्री कराने के लिए उनका नो ड्यूज सर्टिफिकेट लगाना होगा।
रजिस्ट्री करवाते समय सब सामने आ जाएगा सच
तहसील में टोकन देने से पहले जैसे ही ulbharyanandc.org वेबसाइट पर जाकर आइडी डाली जाएगी, तुरंत उस प्रापर्टी मालिक की तरफ प्रापर्टी टैक्स, यूजर चार्जेज, डेवलपमेंट चार्ज की डिटेल सामने आ जाएगी। प्रापर्टी टैक्स के साथ सभी प्रकार के टैक्स का भी पता चल जाएगा। इसलिए जिस प्रापर्टी पर बकाया टैक्स होगा उसकी रजिस्ट्री के लिए तब तक टोकन जनरेट नहीं होगा, जब तक एनडीसी सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। निगम में अपने अधिकारी क्षेत्र के एरिया में एनडीसी देगा और नगर योजनाकार अपने कंट्रोल एरिया के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट करेगा। इस साफ्टवेयर की मदद से अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।