45 देशों की सुंदरियों को पछाड़ हरियाणा की बेटी के सिर सजा मिस डेफ एशिया का ताज
हरियाणा के पानीपत की निष्ठा डुडेजा (23) के सिर मिस डेफ एशिया का ताज सजा है। चेक गणराज्य में हुई प्रतियोगिता में 45 देशों की सुंदरियों को पछाड़ते हुए निष्ठा ने यह खिताब जीता।
पानीपत [विजय गाहल्याण]। 23 साल पहले बेटी पैदा हुई तो माता-पिता की खुशी का ठिकाना न रहा। मगर तीन साल की उम्र में जब पता चला कि वह न तो सुन सकेगी और न ही बोल पाएगी तो उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ आ खड़ा हुआ। मगर उन्होंने बेटी की जिंदगी संवारने के लिए इससे पार पाने की ठान ली। बेटी ने भी देश को पहला मिस डेफ एशिया का ताज दिलाकर गौरवान्वित कर दिया।
हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पानीपत की निष्ठा डुडेजा (23) की। चेक गणराज्य में हुई 18वीं मिस डेफ वर्ल्ड 2018 प्रतियोगिता में 45 देशों की प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए पहली बार देश को यह ताज दिलाया। निष्ठा का परिवार फिलहाल दिल्ली के चाणक्यपुरी में रहता है। यहां पर उसके पिता के भाई सूरज प्रकाश डुडेजा व अशोक डुडेजा रहते हैं। निष्ठा का बड़ा भाई आदित्य डुडेजा इंजीनियर है।
प्रतियोगिता में हिस्सा लेती निष्ठा डुडेजा।
नानी की साड़ी से बनी सिरमौर
फाइनल राउंड में हर प्रतिभागी को अपने देश की वेशभूषा पहननी थी। फाइनल राउंड में निष्ठा डुडेजा ने साड़ी पहनी। यह साड़ी नानी की दी हुई थी। इसी ने उसे विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई। निष्ठा अब मुंबई के मीठीबाई कॉलेज मुंबई से अर्थशास्त्र में एमकॉम कर रही हैं।
अपने परिजनों के साथ निष्ठा डुडेजा।
बेटी पर है नाज : वेदप्रकाश
निष्ठा के पिता वेदप्रकाश डुडेजा उत्तर रेलवे में दिल्ली में चीफ इंजीनियर हैं। मां पूनम गृहिणी हैं। वेद प्रकाश ने बताया कि शुरू से ही निष्ठा कुछ विशेष करने की बात करती थी। मिस डेफ वर्ल्ड का ताज जब बेटी के सिर सजा तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।