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जज साहब, इस्लाम में किशोरी का निकाह जायज

मुस्लिम किशोरी का विवाह रुकवाने के मामले में परिजनों ने इस्लाम का सहारा लिया।

By Edited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 02:27 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 11:09 AM (IST)
जज साहब, इस्लाम में किशोरी का निकाह जायज
जज साहब, इस्लाम में किशोरी का निकाह जायज
जागरण संवाददाता, पानीपत : मुस्लिम किशोरी का विवाह रुकवाने के मामले में परिजनों ने इस्लाम धर्म का हवाला देते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर दी। परिजनों ने कहा कि उनके धर्म के अनुसार इस उम्र में उन्हें किशोरी के निकाह करने का हक है। एसीजेएम पायल बंसल की अदालत ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कानून सभी धर्मों पर एक समान लागू होता है। बाल विवाह की अनुमति नहीं दी जा सकती। 2006 में बाल विवाह निषेध अधिनियम कानून बनने के बाद पानीपत जिले में पहली बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कोर्ट में इस प्रकार की मांग उठाई है। किशोरी व उसके परिजनों के खिलाफ विवाह का मामला लेकर कोर्ट में पहुंची महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने कोर्ट के फैसले की सराहना की। विदित हो कि बुधवार को विद्यानंद कालोनी में 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी की 26 वर्षीय एक युवक के साथ शादी की जा रही थी। प्रोटेक्शन आफिसर ने विवाह रुकवाने के लिए पुलिसकर्मियों की मदद से परिवार के पुरुषों को गाड़ी में बैठाया तो मुस्लिम समाज की महिलाओं ने गाड़ी को घेर लिया था। वहीं दुल्हन को लेने के लिए दूल्हा सजी-धजी गाड़ी समेत महिला थाने पहुंच गया। वह पहले तो निकाह करवाने की बात पर अड़ा रहा। कुछ देर बाद में कानून की जानकारी मिलने पर वह मान गया था।

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