म्हारे लिए कोई सरकार आए, हमें क्या.. प्लॉट मिला न पीला कार्ड
पसीना पोंछते हुए किसान बलजीत ने थोड़ी निराशा के साथ जवाब दिया कि चाहे किसी की सरकार आए या जाए..हमें कौन पूछता है।
पानीपत, [अरविन्द झा]। वैशाख महीने की तपती दुपहरिया। रिसालू गांव की सूनी गलियां. सब घर में कैद हैं। गांव से दो किलोमीटर दूर खेत में एक थ्रेशर चलता दिखाई दिया। किसान सुशील मलिक गेहूं की थ्रेसिंग में पसीने-पसीने हो रहे थे। मजदूर गेहूं के बोझ उठाकर थ्रेशर में डाल रहे थे। थकान से मन ऊब न जाए टाइम पास के लिए चुनावी चर्चा छेड़ दी। पसीना पोंछते हुए बलजीत ने थोड़ी निराशा के साथ कहा कि वोट किसे देंगे इस बारे में अभी सोचा नहीं है। चाहे किसी की सरकार आए. या जाए। हमें कौन पूछता है। जमींदार के कहने पर उस पार्टी को वोट डाल देते हैं। छोटे काम भी सिफारिश के बिना नहीं होते।
बेटे ने पीजीआइ खानपुर में जॉब के लिए चार बार फार्म भरा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। नेताजी तक मेरी पहुंच नहीं कि उनसे सिफारिश करवा लूं। शीला इशारे से उन्हें टोकते हुए बीच में बोल पड़ी, म्हारे लिए कोई सरकार बढि़या नहीं है। न तो 100 गज का प्लॉट मिला, न पीला कार्ड। सरकारी राशन भी आज तक नहीं देखा। मजदूरी ही दो जून की रोटी का सहारा है। थ्रेशर की आवाज में सुनने में थोड़ी मुश्किल हो रही थी। चेहरे पर कपड़ा ढंके सरोज बोली सच्चाई तो ये है कि म्हारे भर के कौन पूछता है। पेंशन की उम्र 60 साल कर दी है। इतनी उम्र तक अब कौन जीता है। मशीन आ जाने से रोजगार मिल नहीं रहा है। किसानों के खाते में मोदी ने छह हजार पहुंचा दिए। म्हारी सुनवाई तो कोई सरकार नहीं कर रही। वोट जब होगा तब देखेंगे किसे देवैंगे।
देशहित सर्वोपरि
अचानक हवा का रुख तेज हो गया। थ्रेशर से निकलने वाला भूसा हवा के झोकों से उड़कर पास के दूसरे खेतों में जाने लगा। किसान सुशील मलिक ने मन की पीड़ा को कम करने के लिए पहले दो घूंट पानी गटका फिर कहने लगे देशहित सर्वोपरि है। 60 वर्ष तक एक पार्टी की सरकार सबने देखी। देश में क्या किया। पांच साल में मोदी ने जो कुछ किया है उसे एक मौका और मिलना ही चाहिए। विपक्ष अपनी बौखलाहट को उजागर कर रहा है।
दूसरी सरकारों ने देश के लिए कुछ नहीं किया
नरेश उनकी बातों का समर्थन करते हुए बोले, मोदी ने पांच साल में कुछ बुरा भी नहीं किया। चेहरे को चुन्नी से ढंके सरिता ने कहा कि वोट देने की उम्र नहीं हुई है। सरकार के बारे में ज्यादा पता नहीं है। खेत में ट्रैक्टर और थ्रेशर मशीन लेकर आए रामपाल ने कहा कि देश के विकास में समय तो लगता है। दूसरी सरकारों ने देश के लिए कुछ नहीं किया। चौटाला कांग्रेस सब एक जैसे गेहूं का बोझा उठाते-उठाते शीला थक गई। वोट के बारे में चर्चा करने पर बस इतना बोली मनै बेरा कोन्या। चौटाला..कांग्रेस सब एक जैसे हैं। पिछली बार जमींदार ने मोदी को वोट दिलवाया। इस बार भी जिसे कहेगा उस नेता को दे देंगे। थ्रेशर से निकलने वाले गेहूं के दाने उठा रहे प्रेमचंद ने कहा कांग्रेस के राज में कौन सा हमें प्लॉट मिल गया। मोदी ने गरीबों के बैंक में खाते खुलवा दिए वो कम है क्या। 500-100 रुपये हम अपने खाते में जमा तो कर सकते हैं। मजदूरों के लिए पानी लेकर पहुंची ताई कौशल्या ने कहा पाछै बथेरी देख ली। अब आगे का भी सुधार देखेंगे। लंच टाइम हो जाने के बाद थ्रेशर कुछ देर के लिए बंद हो गया। सब खाना खाने चले गए।