निलंबन के भय से एनएचएम कर्मी ड्यूटी पर लौटे
13 फरवरी से चल रही (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) एनएएचएम कर्मियों की हड़ताल पर सरकार की सख्ती काम कर गई। बुधवार को कर्मियों ने सिविल सर्जन को बुके भेंट कर हड़ताल खत्म करने की सूचना दी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : 13 फरवरी से चल रही (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) एनएएचएम कर्मियों की हड़ताल पर सरकार की सख्ती काम कर गई। बुधवार को कर्मियों ने सिविल सर्जन को बुके भेंट कर हड़ताल खत्म करने की सूचना दी।
गौरतलब है कि कई मांगों को लेकर प्रदेश में एनएचएम कर्मी 5 फरवरी से हड़ताल पर हैं। पानीपत के करीब 150 कर्मी 13 फरवरी को हड़ताल पर चले गए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, डीजी हेल्थ सतीश कुमार अग्रवाल और एनएचएम निदेशक अमनीत पी. कुमार पहले दिन से ही हड़ताल को असंवैधानिक बताते रहे। विभाग के उच्चाधिकारियों ने 20 फरवरी को वीडियो कांफ्रेंसिग में हड़ताल के असर की जानकारी जुटाई। इतना ही नहीं सभी कर्मियों का निलंबन पत्र तैयार करने के आदेश डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नवीन सुनेजा को दिए थे।
सरकार और अधिकारियों का रवैया सख्त देख 86 कर्मी मंगलवार को ड्यूटी ज्वाइन कर गए। हड़ताल को कमजोर देख, निलंबन के डर से बाकी 64 कर्मी भी बुधवार को ड्यूटी पर लौट आए।
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादियान और एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ने हड़ताल खत्म होने की पुष्टि की है।
बात अभी खत्म नहीं है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल सरकार की सख्ती के खत्म हो गई लेकिन वेतन को लेकर फिर से आंदोलन शुरू हो सकता है। दरअसल, एनएचएम कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर 5 से 15 दिसंबर 2017 तक, इसके बाद 25-26 अक्टूबर 2018 को सांकेतिक हड़ताल की। बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने हड़ताल के दिनों का मानदेय नहीं दिया है। अब 13 से 26 फरवरी तक चली हड़ताल के दिनों का मानदेय मिलेगा अथवा नहीं, कर्मी संशय में हैं।