रिफाइनरी पर 26.90 करोड़ जुर्माना मामले में एनजीटी ने एक माह में मांगी रिपोर्ट
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) की पानीपत रिफाइनरी पर प्रदूषण फैलाने के आरोप में चल रहे केस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सुधार के सुझावों पर एक महीने में समीक्षा रिपोर्ट मांगी है।
पानीपत, जेएनएन। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) की पानीपत रिफाइनरी पर प्रदूषण फैलाने के आरोप में चल रहे केस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सुधार के सुझावों पर एक महीने में समीक्षा रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और नीरी की टीम यह समीक्षा करेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी, 2020 को होगी।
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस एसपी वागड़ी, जस्टिस के रामाकृष्ण और पर्यावरण विशेषज्ञ सैबल दास गुप्ता ने रिफाइनरी पर 26.90 करोड़ जुर्माना लगाया हुआ है। रिफाइनरी की तरफ से 17.31 करोड़ का जुर्माना भुगतान के बाद बाकी बचे 9.59 करोड़ भी जमा कराने के निर्देश भी 26 नवंबर 2019 को दिए हैं। प्राथमिक रिपोर्ट में आइओसीएल पर 659.49 करोड़ रुपये का पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए वसूली की सिफारिश की गई थी। डीसी सुमेधा कटारिया द्वारा मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने पर एनजीटी ने सख्त टिप्पणी भी की परंतु अंतिम रिपोर्ट में डीसी और पीसीबी के सुझावों पर काम के एक माह में प्रभाव की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। सीपीसीबी, एसपीसीबी और नीरी की टीम से 31 जनवरी तक एनजीटी में समीक्षा रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
यह है मामला
पानीपत के ¨सहपुरा सिठाना गांव के सरपंच सतपाल ¨सह ने एनजीटी को शिकायत में आरोप लगाया था कि रिफाइनरी से बोहली, ददलाना, सिठाना और इसके आसपास के गांवों में वायु और जल प्रदूषित हो रहा है। टीम ने जांच के बाद नुकसान का आकलन करते हुए आइओसीएल पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
659.49 करोड़ के जुर्माने की अंतरिम रिपोर्ट की बात को फाइनल रिपोर्ट के साथ जोड़ा जाना गलत है। फाइनल रिपोर्ट में कहीं इसका जिक्र तक नहीं है। विश्व के टॉप 500 कंपनियों में एक आइओवसी के बारे में लोगों को भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।
सुमेधा कटारिया, डीसी पानीपत
रिफाइनरी सभी मानकों को पूरा करती है। प्रदूषण बोर्ड से जो भी निर्देश मिला, उसे भी पूरा किया गया। रिफाइनरी आगे भी करती रहेगी।
एसके त्रिपाठी, जीएम सीसी, पानीपत रिफाइनरी।