फ्रांस की जीत के बाद नीरज ने कहा, अब जकार्ता में जीतूंगा सोना
पानीपत में भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट खंदरा गांव के नीरज चोपड़ा ने फ्रंास में सोना जीता है।
विजय गाहल्याण, पानीपत :
भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट खंदरा गांव के नीरज चोपड़ा ने सोतेविले एथलेटिक्स मीट (फ्रांस) में स्वर्ण पदक जीतकर एशियन गेम्स की तैयारी का ट्रेलर दिखा दिया है। नीरज ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि 18 अगस्त से इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियन गेम्स होने हैं। इसके लिए वह तीन महीने से फिनलैंड में तैयारी कर रहे हैं। फ्रांस मीट के दौरान उसकी विश्व के टॉप टेन जेवलिन थ्रोअर के साथ खेलने का मौका मिला है। खुशी है कि रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता है। इस पदक से हौसला बढ़ा है और यह लय बरकरार रही तो एशियन गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीत पाऊंगा।
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87.43 मीटर से ज्यादा का लक्ष्य नीरज ने बताया कि यह प्रतियोगिता के दौरान निर्भर करता है कि कितनी दूर भाला जाता है। कई बार तैयार के मुताबिक प्रदर्शन नहीं हो पाता है। उसका डायमंड लीग में 87.43 मीटर बेस्ट प्रदर्शन रहा है। लक्ष्य इससे भी ज्यादा का है, ताकि अगले ओलंपिक में पदक जीत सकूं। उसने वजन कम किया है। तकनीक के सुधार पर ज्यादा जोर है।
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ओलंपिक चैंपियन वॉलकोट से सीखी तकनीक काम आई
नीरज ने बताया कि इस लीग में उसे 2012 लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता त्रिनिदाद एंड टोबैगो के वॉलकोट केशोर्न के साथ खेलने का मौका मिला। इससे पहले डायमंड लीग में भी वह वॉलकोट का रूममेट रह चुका है। उसने वॉलकोट से थ्रो की तकनीक सीखी है। यह उसके काम आई और जीत भी मिली।
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मां बोलीं- बेटे की जीत से खुश
नीरज की जीत पर खंदरा गांव में जश्न मनाया गया। लड्डू बांटे गए। मां सरोज ने कहा कि तीन महीने से इकलौता बेटा नीरज विदेश में है। बेटे से कई दिनों में बात होती है। बेटे की सेहत की ¨चता रहती है। क्योंकि बाहर का खाना ठीक नहीं बताया गया है। अब बेटा लगातार पदक जीत रहा है। इससे उसे खुशी है। बेटे की सफलता पर किसान पिता सतीश कुमार और चाचा भीम चोपड़ा हर्षित हैं।