सेवा के लिए त्याग समर्पण की भावना जरूरी : राधे राधे महाराज
पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार बढ़ता है भगवान जन्म लेते हैं। वे किसी न किसी अवतार में जन्म लेकर भक्तों की रक्षा करते हैं। राधे-राधे महाराज अवध धाम मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे ब्यास मंच से बोल रहे थे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार बढ़ता है भगवान जन्म लेते हैं। वे किसी न किसी अवतार में जन्म लेकर भक्तों की रक्षा करते हैं। राधे-राधे महाराज अवध धाम मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे ब्यास मंच से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान राम एंव कृष्ण सदाचार एवं भक्त वत्सल का रूप है। भगवान ने रावण का अत्याचार बढ़ने पर राम रूप में इस धरा पर आकर मर्यादा की स्थापना कर भक्तों की रक्षा की। कंस ने जब ग्वाल वालों पर अत्याचार किया जो भगवान ने ब्रिज के अंदर जन्म लिया। भगवान का जन्म नीति और नियमों को लागू करने के लिए होता है। उन्होंने कहा कि यदि हमें सेवा करनी है तो उसके लिए त्याग एवं समर्पण की भावना होनी चाहिए। कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया। मंदिर के प्रांगण को फूलों से और गुब्बारों से सजाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की नामक गीत गाया। दाऊजी महाराज ने सभी को नंद महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई दी। डीसी ने बैग वितरित किए
कथा स्थल पर डीसी सुमेधा कटारिया ने बैग वितरित कर पोलीथिन मुक्त शहर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि हम सब समाज के प्रति त्याग और समर्पण की भावना रखेंगे तो जरूर ही हम सब कुछ ना कुछ प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्रम में ललित गोयल, संदीप जिदल, मेहूल जैन, अनिल सर्राफ, रमेश माटा, भगवत दयाल शर्मा, अनिल शर्मा, केसी अनेजा, प्रदीप रेवड़ी, मोहन लाल कंसल, अनिल शर्मा मौजूद रहे।