National Javelin Throw Day: राज्य स्तरीय भाला फेंक प्रतियोगिता में दिखाएंगे गुरु-शिष्य कौशल
National Javelin Throw Day एथलेटिक्स हरियाणा की ओर से राज्य स्तरीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता कराई जा रही है। जिसमें गुरू व शिष्य अपना दमखम दिखाएंगे। उग्राखेड़ी के विक्रांत मलिक ने बताया कि वर्ष 2013 में उन्होंने गांव के मैदान से भाला फेंक खेल का अभ्यास शुरू किया।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता। उनकी इस उपलब्धि पर एथलेटिक्स हरियाणा की ओर से राज्य स्तरीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता कराई जा रही है। जिसमें गुरू व शिष्य कौशल दिखाएंगे। उग्राखेड़ी गांव के विक्रांत मलिक सीनियर और उनके शिष्य सागर रुहल अंडर-16 में पदक की दावेदारी पेश करेंगे।
यहां से ली खेल की ट्रेनिंग
सागर रुहल ने शनिवार को क्वालीफाई राउंड में 57.51 मीटर थ्रो कर पहला स्थान हासिल किया है। इससे पहले सागर ने शुक्रवार को खंडरा गांव में नीरज की सफलता पर अंतर जिला जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें सागर को बेस्ट थ्रोअर का पुरस्कार दिया गया। सागर जैवलिन थ्रो का उभरता हुआ सितारा है। उनसे भविष्य में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक की उम्मीद है। सागर अपने कोच विक्रांत मलिक से सिवाह और उग्राखेड़ी गांव के मैदान में ट्रेनिंग लेता है। जैवलिन थ्रो के कोच जितेंद्र जागलान ने बताया कि सागर का हाथ स्पीड से चलता है और उनकी तकनीक भी अच्छी है। वह राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक जीतेगा।
पिता से सीखे गुर, अब है चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी
उग्राखेड़ी के विक्रांत मलिक ने बताया कि वर्ष 2013 में उन्होंने गांव के मैदान से भाला फेंक खेल का अभ्यास शुरू किया। पिता राजेंद्र मलिक ने उन्हें ट्रेनिंग दी है। विक्रांत कर्नाटक में मंगलूरु में हुई आल इंडिया जैवलिन थ्रो चैंपियनशिप में 77.82 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 79.50 मीटर है। विक्रांत तीन नेशनल व सात स्टेट चैंपियनशिप में जीत चुके हैं।
विक्रांत की उपलब्धि
- जूनियर नेशनल चैंपियनशिप 2013 में रजत पदक।
- सीनियर नेशनल चैंपियनशिप 2018 में रजत पदक।
- आल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में रजत पदक।
- आल इंडिया जैवलिन थ्रो 2021 में स्वर्ण पदक।
- आल इंडिया जैवलिन थ्रो चैंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक।
- इंटर स्टेट जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक।