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Good News: सरसों की खेती किसानों को करेगी मालामाल, तीन दशक में पहली बार छोड़ी गेहूं की बिजाई

खाद्य तेलों के बढ़ते दाम की वजह से इस बार किसानों का सरसों की खेती की तरफ रुझान है। कुरुक्षेत्र के इस्‍माईलाबाद में तीन दशक में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसान गेहूं की बिजाई छोड़कर सरसों की फसल की तैयारी कर रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:16 AM (IST)
Good News: सरसों की खेती किसानों को करेगी मालामाल, तीन दशक में पहली बार छोड़ी गेहूं की बिजाई
सरसों की खेती की तरफ किसानों का रुझान।

इस्माईलाबाद (कुरुक्षेत्र), संवाद सहयोगी। बीते साल सरसों की फसल से वारे न्यारे होने से उत्साहित किसान इस बार गेहूं से अधिक सरसों की बिजाई को तरजीह दे रहे हैं। इलाके में इस बार गेहूं का रकबा कम और सरसों का रकबा बढ़ने जा रहा है। ऐसा पिछले तीन दशक में पहली बार होने जा रहा है कि किसान यकायक दलहन की फसल की ओर चल निकले हैं। इससे जहां किसानों की आमदन अधिक होगी, वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति में गजब का इजाफा होगा। इस बदलाव को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी बेहद उत्साहित है।

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पिछले साल सरसों की फसल की इस कद्र बिकवाली हुई कि सरकार के समर्थन मूल्य से अधिक का दाम प्राइवेट खरीदारों ने दिया। कुछ फीसद किसान ही सरकारी मूल्य पर सरसों बेच पाए। अधिकांश ने प्राइवेट को करीब साढ़े छह हजार रुपये प्रति क्विंटल तक सरसों बेची, जबकि सरकारी भाव केवल 4650 रुपये था। किसानों ने 70 से 80 हजार तक की आमदन प्रति एकड़ हासिल की। इसी आमदन को लेकर इस बार किसानों का रुझान सरसों की बिजाई की ओर अधिक है। सरकार का फरमान है कि गेहूं की बिजाई 15 नवंबर से की जानी चाहिए, जबकि सरसों की बिजाई पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। किसान कृष्ण कुमार, राम कुमार और नरेश कुमार ने बताया कि सरसों की पैदावार में अधिक खाद व दवा का प्रयोग भी नहीं करना पड़ता है। गेहूं से अधिक आमदन हासिल हो जाती है। इन किसानों का कहना है कि खाद्य तेल लगातार महंगे हो रहे हैं, ऐसे में सरसों का दाम अधिक हासिल होगा।

फसल विविधिकरण को मिलेगा बढ़ावा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि विकास अधिकारी डा. सुशील कुमार का कहना है कि इस बार दलहन का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। इससे फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिलेगा और भूमि की सेहत बहुत अधिक सुधरेगी। सरकार ने इस बार सरसों का दाम 5050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इस बार खेतों में सालों के बाद दलहन की महक दूर-दूर तक खुशबू बिखेरेगी।

बीज की डिमांड बहुत अधिक

अहितान सीड्स के मालिक अनवर ने बताया कि इस बार सरसों के बीच की खूब डिमांड है। कई कंपनियों के बीज तो निर्धारित दाम से भी ऊंचे दाम पर बिक रहे हैं। किसान अधिक पैदावार वाले बीज की अधिक डिमांड कर रहे हैं। यही डिमांड रही तो गेहूं का रकबा बीते साल के मुकाबले आधा रह जाएगा।


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