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दो साल करनाल में भी रहा हत्यारा, कहीं वहां भी तो नहीं की द¨रदगी

जागरण संवाददाता, पानीपत: बलजीत नगर से 17 सितंबर की रात को चार साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Oct 2017 02:25 AM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2017 02:25 AM (IST)
दो साल करनाल में भी रहा हत्यारा, कहीं वहां भी तो नहीं की द¨रदगी
दो साल करनाल में भी रहा हत्यारा, कहीं वहां भी तो नहीं की द¨रदगी

जागरण संवाददाता, पानीपत: बलजीत नगर से 17 सितंबर की रात को चार साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगी। इस बारे में पुलिस कोर्ट से आग्रह करेगी। हत्या के आरोपी उत्तर प्रदेश के जिला कौशांबी के हंजापुर गांव के सुखराज उर्फ मन्नू से छह दिन के रिमांड के दौरान बच्ची की चप्पल, हत्या के बाद वह कहां-कहां गया, उसका किसी ने सहयोग तो नहीं किया था, के बारे में पूछताछ करेगी। मन्नू से घटनास्थल की निशानदेही कर ली है। वहीं मामले की जांच कर रही सीआइए-3 पुलिस ने करनाल, सोनीपत, जींद और कुरुक्षेत्र व आसपास थानों की पुलिस से संपर्क साधकर पता लगा रही है कि सुखराज ने वहां भी किसी बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या तो नहीं की। सुखराज पानीपत से पहले दो साल करनाल में भी रहा है।

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पूछताछ में सुखराज ने बताया कि 17 सितंबर को उसकी फैक्ट्री से छुंट्टी थी। वह सारा दिन कमरे में शराब पीता रहा। उसके नीचे वाले कमरे में रहने वाली बच्ची गली में थी। वह उसे पहले टॉफी और फिर गोल गप्पे खिलाने का झांसा देकर ले गया। बाद में उसने ठेके से और शराब लेकर पी और आर्य नगर के खंडहर में बच्ची को ले जाकर पहले दुष्कर्म किया और गला घोंटकर मार डाला। फिर शव को कुएं में डाल दिया। वारदात के बाद कमरे पर सो गया। पुलिस पूछताछ कर रही थी। इसी वजह से वह कमरे पर कम और फैक्ट्री में ज्यादा रहता था। 22 सितंबर को कुएं से बच्ची का शव मिलने पर पुलिस का दबाव ज्यादा बढ़ गया था। इसी वजह वह रेलवे स्टेशन पर गया। जब तक उसने टिकट ली तब तक ट्रेन जा चुकी थी। उसने टिकट कैंसिल कराई और फिर अगले दिन ट्रेन से दिल्ली, वहां से कानपुर गया। उसने फिर 25 सितंबर को गांव के पास की आठ साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया और फिर मार डाला। पानीपत व उत्तरप्रदेश पलिस ने सुखराज को गिरफ्तार कर लिया था।

शराब के नशे में हो जाता था पागल, छोटी बच्चियों को बनाता था निशाना

पुलिस सूत्रों के अनुसार सुखराज दस साल से कम आयु की बच्चियों को निशाना बनाता था, क्योंकि बड़ी उम्र की लड़की को झांसे में देना उसके लिए कठिन व पकड़े जाने का खतरा था। उसने उत्तरप्रदेश में अपने गांव के नजदीक के गांव से सोते हुए आठ साल की बच्ची को ही उठाया था, जबकि बच्ची के पास उसकी बड़ी बहन भी सो रही थी। शराब के नशे में सुखराज पगला जाता था और तभी वारदात करता था।


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