Move to Jagran APP

पानीपत में नगर निगम आउटसोर्सिंग कर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन, मिली करोड़ों रुपये की स्‍टांप ड्यूटी की मंजूरी

पानीपत में नगर निगम के आउटसोर्सिंग कर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से होकर गुजरना पड़ रहा है। 10 करोड़ 67 लाख रुपये की स्टांप ड्यूटी की मंजूरी मिल गई है 53 करोड़ की पेंड़िंग पड़ी है।

By Vinod JoshiEdited By: Anurag ShuklaPublished: Wed, 30 Nov 2022 01:08 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 01:08 PM (IST)
पानीपत में नगर निगम आउटसोर्सिंग कर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन, मिली करोड़ों रुपये की स्‍टांप ड्यूटी की मंजूरी
पानीपत में नगर निगम के आउटसोर्सिंग कर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा।

पानीपत, जागरण संवाददाता। आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम की हालत लगातार खराब होती जा रही है। स्थिति यह है कि निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, क्योंकि नगर निगम के आय के साधन कम होते जा रहे हैं और खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं। इस कंगाली को दूर करने के लिए नगर निगम ने अब राज्य सरकार से स्टांप ड्यूटी के रूप में बकाया करीब 53 करोड़ रुपये की पेंडिंग पड़ी है।

loksabha election banner

अब निगम को 10 करोड़ की स्टांप ड्यूटी मंजूर हुई है जो जल्द ही निगम को मिल जाएगी। इसके लिए नगर निगम मेयर अवनीत कौर ने निकाय मंत्री व अर्बन लोकल बाडीज को पत्र लिखा था। जिसके बाद 10 करोड़ 67 लाख रुपये की स्टांप ड्यूटी की मंजूरी मिल गई।

नगर निगम की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, निगम के पास पैसे कमाने का प्रापर्टी टैक्स ही एक जरिया है। वहीं सरकार धीरे-धीरे नगर निगम के आय के साधन खत्म करती जा रही है। इससे निगम अपने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन भी समय पर नहीं दे पा रहा है। दूसरी तरफ नगर निगम भी अपनी तरफ से आय के साधन नहीं जुटा बना रहा है, जिससे कि उसका राजस्व बढ़ सके। जनरल फंड से नगर निगम ने विकास कार्य करना बंद कर दिया है।

क्या हैं स्टांप ड्यूटी

अगर आप कोई नई प्रापर्टी खरीद रहे हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी का शुल्क भारत सरकार द्वारा लगाया जाता है। आपके नाम पर आपकी प्रापर्टी का रजिस्ट्रेशन सत्यापित करने और आपके प्रापर्टी के स्वामित्व के दस्तावेज को मान्यता प्रदान करने के लिए किया जाता है, प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन दस्तावेज पर स्टांप शुल्क भगुतान किए बिना, आपको विचाराधीन प्रापर्टी का कानूनी मालिक नहीं माना जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.