आरटीआइ में नगर निगम का जवाब, कोचिग सेंटरों पर नहीं की कार्रवाई
जागरण संवाददाता पानीपत मानकों का उल्लंघन कर शहर में चल रहे सात-आठ सौ कोचिग सेंटरों का नगर निगम की टीम ने सर्वे किया था। रिपोर्ट तैयार करने के बाद फाइलों में बंद कर दी गई। आरटीआइ कार्यकर्ता ने जब निगम कार्यालय से इस बारे में जवाब मांगा तो जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया कि कोई कार्रवाई नहीं की गई। फिलहाल कोरोना लॉकडाउन के बाद कोचिग संस्थान बंद पड़े हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर में चल रहे कोचिग सेंटरों का नगर निगम की टीम ने सर्वे किया था। रिपोर्ट तैयार करने के बाद फाइलों में बंद कर दी गई। आरटीआइ कार्यकर्ता वैभव देसवाल ने जब निगम कार्यालय से इस बारे में जवाब मांगा तो जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया कि कोई कार्रवाई नहीं की गई। फिलहाल कोरोना लॉकडाउन के बाद कोचिग संस्थान बंद पड़े हैं।
सूरत (गुजरात) शहर के एक कोचिग संस्थान में मई 2019 में अग्निकांड हो गया था। 22 विद्यार्थी मारे गए। इस हादसे के बाद देशभर के कोचिग संस्थानों में हड़कंप मच गया। पानीपत में भी कार्रवाई के लिए दो कमेटियां गठित कर दी गई थी। नार्म्स की रिपोर्ट तैयार करने वाली कमेटी का नेतृत्व डिप्टी सीईओ जसविद्र बांगड़ ने किया। एसएचओ महेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली दूसरी कमेटी पार्किंग व अन्य सुविधाओं की जांच की। एक सप्ताह में दोनों कमेटियों को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। सर्वे के बाद जांच कमेटियों ने रिपोर्ट सौंप दी या आधी अधूरी कर पेडिग में डाल दी, इस बारे में कुछ अता-पता नहीं है। आरटीआइ कार्यकर्ता एडवोकेट वैभव देसवाल ने 15 जनवरी 2020 को नगर निगम कार्यालय में 12 प्रश्नों पर आधारित आरटीआइ में सूचना मांगी। इनमें पहला प्रश्न कोचिग संस्थानों के निरीक्षण से संबंधित था।
प्रश्न : पानीपत में बिल्डिग कोड का उल्लंघन करने पर नगर निगम की तरफ से कितने कोचिग सेंटरों का निरीक्षण किया गया। कितने संस्थानों को नोटिस दिया गया। जो संस्थान दोषी पाए गए उसमें कितने कितने के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई।
आरटीआइ जवाब : नगर निगम से 17 जुलाई 2020 को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि इस बारे में नगर निगम कार्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सुरक्षा का बड़ा सवाल
सवाल उठता है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिहाज से इस गंभीर मुद्दे पर नगर निगम के जन सूचना अधिकारी रिपोर्ट क्यों छिपा रहे हैं। कार्यालय से रिपोर्ट कहीं गुम तो नहीं हो गई। लीपापोती कर अधिकारी इसे दबाए रखने में ही अपनी काबलियत तो नहीं मान रहे। तत्कालीन जांच अधिकारी डिप्टी सीईओ जसविदर सिंह (वर्तमान में बीडीपीओ कैथल) का कहना है कि उन्होंने जांच के बाद रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी।
12 नियमों की पड़ताल
प्रशासनिक टीम ने सर्वे के दौरान 12 नियमों को आधार मान कर कोचिग संस्थानों का निरीक्षण किया था। अग्निशमन के यंत्र, बचाव के संसाधन के अलावा हरियाणा बिल्डिग रूल-2017 के नियमों का पालन, पार्किंग व सुरक्षा की व्यवस्था, पर्याप्त रोशनी और बैठाने का प्रबंध आदि.। अफसरों की जांच टीम ने सर्वे के दौरान दावा किया था कि पानीपत शहर के एक भी सेंटर सभी नियमों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।