रॉकी की मां बोली-बेटे ने गुनाह कर किए शर्मिदा, मिले फांसी
सिरफिरे रॉकी की मां बेटे की करतूत से शर्मिदा है। उसने कहा कि ऐसे बेटे को फांसी मिलनी चाहिए।
विजय गाहल्याण, पानीपत
मेरे दोनों बड़े बेटे तो कभी-कभार किसी से झगड़ भी पड़ते थे, लेकिन छोटे बेटे रॉकी ने कभी किसी को थप्पड़ तक नहीं मारा। लेकिन उसी ने निर्दोष नरगिस के खून से अपने हाथ रंग लिए। इससे वह और उसका परिवार शर्मिंदा हैं। कानून बेटे को फांसी दे दे। हमें कोई गम नहीं होगा। यह कहना है नरगिस के सिरफिरे कातिल रॉकी की मां दर्शना का।
दैनिक जागरण से बातचीत में दर्शना ने कहा कि रॉकी कलंदर चौक से नरगिस को ले गया था तब उसने बेटे को कहा था कि यह गलत है। उसे उसके परिजनों को लौटा दे। वह नहीं माना। उसे आभास नहीं था कि रॉकी अपने दोस्त और पुलिसकर्मी को गोली मार देगा। वह नहीं चाहती कि लोग उसे कातिल रॉकी की मां के नाम से जानें। रॉकी को उसने बेदखल करा दिया है।
आरोप है कि आपने रॉकी की फरारी के दौरान मदद की है?
पुलिस उससे, बेटे ¨मटू और शिवचरण से कई बार पूछताछ कर चुकी है। उन्होंने रॉकी की कोई आर्थिक मदद नहीं की। अगर उसकी रॉकी से बात हो जाती तो क्या वह कहती कि किसी बेगुनाह को गोली मार दे। बेटे की करतूत का खामियाजा पूरा परिवार भुगत रहा है।
दर्शना ने कहा कि उसे पता चला है कि रॉकी की टांग टूटी है और वह करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। वह और उसका परिवार रॉकी से नहीं मिलेगा। जैसा बेटे ने काम किया है वैसा ही भुगतेगा। रॉकी का एक बेटा है और पत्नी गर्भवती है। वह बहू और पोते की परवरिश करेगी।
---- डॉक्टर ने रॉकी को बताया अनफिट, अदालत में नहीं हुई पेशी
14 जुलाई को नौल्था के पास पुलिस और रॉकी की मुठभेड़ हो गई। इस दौरान रॉकी ने हवलदार दिनेश को गोली मार दी। रॉकी के पैर में भी चोट लगी थी। तभी से रॉकी को कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल में भर्ती कर रखा है। पुलिस चार दिन बाद भी रॉकी को अदालत में पेश नहीं कर पाई। पुलिस के अनुसार डॉक्टर ने रॉकी को अनफिट बताया है।