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ठंडी अफसरशाही पर मंत्री का गर्मागर्म प्रहार

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले की ठंडी अफसरशाही पर श्रम व रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने गमा

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 03:00 AM (IST)
ठंडी अफसरशाही पर मंत्री का गर्मागर्म प्रहार
ठंडी अफसरशाही पर मंत्री का गर्मागर्म प्रहार

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले की ठंडी अफसरशाही पर श्रम व रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने गर्मागर्म प्रहार किया। मंत्री ने दो-तीन साल पुराने मामले सामने आने पर प्रशासन व पुलिस की पोल खुल गई। अधिकारी बगले झांकते रहे। चाहे विकास का मामला हो चाहे अपराध.चाहे विवाद का जगजाहिर है कि पानीपत की नौकरशाही नौकरी बचाने व बजाने में माहिर है। जांच नहीं करना है उसका असली काम है।

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केस नंबर : 1

चालान क्यों नहीं हुआ पेश

27 जनवरी 2016 से लापता नाबालिग लड़की की मां ललिता न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है। पुलिसिया जांच में लापरवाही से आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। लड़की का सुराग भी नहीं लगा। डीएसपी आत्माराम लांबा ने जांच रिपोर्ट पेश की तो मंत्री ने कहा कि इतने दिनों से महिला को न्याय नहीं मिला। इस केस की तफ्तीश में कौन कौन शामिल है। 90 दिन से ज्यादा हो गए कोर्ट में चालान क्यों नहीं पेश किया गया। केस जांच में कोई नाजायज कदम नहीं उठाना है। लेकिन जांच कार्य में कोई दबाव आए तो हमें बताना। अगली बैठक इसकी तफ्तीश पूरी हो जाए। जो छह आरोपी हैं उसे उठा लो। जांच में इतना लंबा समय क्यों लगा। डीएसपी ने कहा कि पॉलीग्राफी टेस्ट सस्पेक्टेड है। मंत्री ने कहा इस टेस्ट का चालान से क्या मतलब है। मामला स्टेट क्राइम को ट्रांसफर किया जा चुका है। शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति में मंत्री ने ये बातें कही।

केस नंबर 2

एक्सईएन साहब बताएं कौन देख रहा रिपोर्ट

सेक्टर 25 पार्ट 2 निवासी देशराज गर्ग ने तीसरी शिकायत में अवैध तरीके से बिल्डिंग निर्माण का आरोप ओमप्रकाश, वैष्णो देवी व सुरेंद्र पर लगाया। नगर निगम व डीटीपी से मिलकर 2420 वर्ग गज जमीन पर ऊंचे भवन बना लिए। सीएलयू भी नहीं लिया। जान माल के नुकसान होने का खतरा है। मंत्री से तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की मांग की। निगम के एक्सईएन ने कोर्ट में स्टेटस को (यथास्थिति) होने की बात कही। शिकायतकर्ता ने कहा छह माह में सारे विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। रजिस्ट्री मेरे नाम है। साढ़े तीन साल से बिल्डिंग बना रखी है। मंत्री ने कहा कि एक्सईएन साहब कौन देख रहा इस पूरी रिपोर्ट को। अगली बैठक में सारी रिपोर्ट यहां आनी चाहिए। उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाने की बात कही। इसे लंबित रख लिया गया।

केस नंबर 3

तीस डेयरियां क्यों नहीं हुई शिफ्ट

पुरानी हाउसिंग बोर्ड के मनीष गोयल ने कहा कि तंग गली में 7-8 डेयरियां चल रही है। गली में सफाई नहीं रहती है। इन डेयरियों को शिफ्ट नहीं किया गया। मंत्री ने निगम के अधिकारी से पूछा। अधिकारी के पक्ष रखने पर मंत्री ने कहा कि 193 में 163 ही शिफ्ट हुई। शेष 30 डेयरियां क्यों नहीं शिफ्ट हुई। इसका पता करें। जो अंदर चले गए उसका यहां से बंद कर दो। इसे एजेंडे से निकाल दो।

केस नंबर 4

घपले की रिकवरी एक हफ्ते में करेंगे

बापौली के रामकुमार ने शिकायत की कि वर्ष 2010 से 2014 तक महिला सरपंच ने पंचायती दुकानों का किराया खाते में न जमा कर स्वयं हड़प ली। 100 के करीब नए व पुराने नलके उखड़वाए। बोली किए बिना चहेतों को बेच कर राशि खुद जब्त कर ली। उपायुक्त ने कहा कि इस मामले में बिंदुवार रिपोर्ट मांगी गई है। बीडीपीओ ने 16 लाख के घपले की बात कही। मंत्री ने कहा उसके खिलाफ करवाई करो। एक हफ्ते में सारा पैसा रिकवर करो।

केस नंबर 5

सर इनसे जांच नहीं कराओ, विजिलेंस से

समालखा से बैसाखी के सहारे आए कपूर सिंह ने सरपंच बीरमती के गबन की शिकायत की। जांच में बीडीपीओ व डीडीपीओ ने कोई कारवाई नहीं की। पंचायती फंड व स्कीमों में घपला किया। डीडीपीओ ने पक्ष रखा हरके आवेदन पर कार्रवाई हुई। मंत्री ने कहा कि 2010 से 2014 तक गांव में कहां कितना पैसा खर्च हुआ इसकी असेसमेंट करवाएंगे। शिकायतकर्ता ने कहा कि सर इनसे जांच नहीं करवाओ। विजिलेंस से कराओ। मंत्री ने इस पर मुहर लगा दी।

केस नंबर 6

अग्रिम जमानत खारिज, नहीं हुई गिरफ्तारी

मनाना के सरपंच राजेंद्र राठी ने कहा कि शामलात भूमि पर उनके गांव में 14 साल से ट्रैफिक एंड सेंटर चल रहा है। गांव को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। 2 एकड़ भूमि पर 14 साल से कब्जा है। पंचायत को इस जमीन की कोई राशि नहीं मिली है। जमीन को कब्जा मुक्त कर बाजार की कीमत दिलाई जाए। डीडीपीओ ने कहा कि पैसे के लिए पत्र व्यवहार जारी है। मंत्री ने कहा कि ये कीमत पंचायत को मिलेगी। शिकायतकर्ता ने कहा कि अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद भी अरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

केस नंबर 7

कुर्की से करेंगे 69 लाख घोटाले की रिकवरी

शेरा निवासी रामपाल ने शिकायत की कि छह एकड़ जमीन पट्टे पर ली थी। पिछले सरपंच ने उसे फर्जी रसीद थमा दिए। 25 किले गोचरान भूमि में जोहड़ खुदवाया। पांच वर्ष में 4 करोड़ रुपये गबन किया। बीडीपीओ ने कहा कि 69 लाख रुपये गबन किया है। रिकवरी के लिए उसे फाइनल नोटिस दिया गया है। मंत्री ने कहा केस दर्ज कर आरोपी से रिकवरी कराएंगे। डीसी ने कहा कि पैसा जमा नहीं कराएगा तो इसकी जमीन कुर्क कराएंगे।

सूचना किसने दी शिकायतकर्ता को

जालपाड़ के सरपंच की शिकायत दूसरे नंबर पर सूचीबद्ध थी। बैठक में उनका नाम पुकारा गया जब वो उपस्थित नहीं हुए। मंत्री ने कहा कि सूचना किसने दी। कष्ट निवारण समिति के सदस्य फोन कर पूछें कि उन्हें सूचना मिली है या नहीं। सीएम विंडो से प्राप्त इस शिकायत में अधिकारियों का पक्ष सुनकर मंत्री ने कहा कि अगली बैठक में सारी रिपोर्ट ब्रीफ करेंगे। फिलहाल इसे डिलीट करते हैं। पांचवें नंबर पर सूचीबद्ध शिकायत में हाउसिंग बोर्ड से सतपाल नहीं आए तो उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर ने सहायक से पूछा क्यों फोन कर सूचना नहीं दी। सदस्य मेघराज गुप्ता कैसे कह रहे हैं उनके पास सूचना नहीं है। स्पीकर ऑन कर जब बात करवाया तो शिकायतकर्ता ने संतुष्ट होने की बात कही।

विधायक पर आरोप, स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से जांच की मांग

आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने मंत्री को ज्ञापन सौंप कर कहा कि विधायक रविंद्र मच्छरौली ने नगरपालिका चेयरमैन बनवाने के लिए अशोक कुच्छल से 2:40 करोड़ रुपये ऐंठ लिए थे। पैसा न होने पर 5400 वर्ग गज भूमि धर्मपत्नी के नाम रजिस्ट्री करा ली थी। पार्षदों को 10-15 लाख देकर कुच्छल को चेयरमैन बनवा दिया था। ग्रेट खली के शो के नाम पर भी विधायक ने कुच्छल व कुछ उद्योगपतियों के लड़कों से पैसे ऐंठ लिए। गुड़गांव में ये हुआ ही नहीं। नगरपालिका समालखा में 12 करोड़ की ग्रांट राशि आई हुई है। इसे विधायक के करीबी पार्षद हड़पना चाहते हैं। अशोक कुच्छल इस रास्ते में बाधा बना हुआ है। रविंद्र मच्छरौली ने अशोक कुच्छल से 40 लाख की डिमांड की। कुछ राशि पार्षदों को दिलवाने की बात कही। पार्षद निधि मित्तल को चेयरमैन बनवाने के लिए पार्षदों पर दबाव बना कर उसे अपने पाले में कर लिया। कुछ पार्षद से शपथ पत्र भी ले लिए। मंत्री को सौंपे पत्र में आरोपियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर स्टेट विजिलेंस से जांच कराने की मांग की है। साथ ही विधायक रविंद्र मच्छरौली, आरोपी पार्षद, रमेश चंद्र मित्तल व पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है।

आरोप निराधार: मच्छरौली

रविंद्र मच्छरौली ने कहा कि पीपी कपूर के सारे आरोप निराधार हैं। किसी तरह का लेन देन नहीं किया। नगरपालिका से पीपी कपूर की ही नक्शा पास होता था। इसलिए उन्हें बेचैनी हो रही है।


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