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Haryana Weather Update: हरियाणा में 10 सितंबर तक मेहरबान रहेगा मानसून, जानिए आज कहां-कहां होगी झमाझम बारिश

हरियाणा में सितंबर का झमाझम बरसात से आगाज हुआ है। प्रदेश में अब तक 435.3 मिलीमीटर बरस चुका है मानसून। सितंबर माह की शुरूआत भी अच्छी बरसात के साथ हुई। पिछले माह की भरपाई इस माह में आसानी से संभव।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 04:06 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 04:06 PM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में 10 सितंबर तक मेहरबान रहेगा मानसून, जानिए आज कहां-कहां होगी झमाझम बारिश
हरियाणा में सितंबर में मानसून की बारिश की कमी पूरी होगी।

करनाल, जागरण संवाददाता। सितंबर मानसून सीजन का आखिरी माह माना जाता है। इसकी शुरुआत अच्छी हुई है। सितंबर के तीन दिन में 11.6 एमएम बरसात होनी चाहिए थी, जबकि 46.7 एमएम बरसात हुई है, यानि सामान्य से 302 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने संभाावना जताई है कि मानसून की विदाई भी झमाझम बरसात के साथ होगी।

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मौसम विज्ञानियों की मानें तो हरियाणा के कई क्षेत्रों में देर शाम बारिश होगी। यमुनानगर, कैथल सहित कई जिलों में सुबह बारिश हुई।

इस समय मानसून की गतिविधियों पर गौर किया जाए तो सितंबर का पहला निम्न दबाव का क्षेत्र जल्द ही बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने की संभावना है। यह मौसमी सिस्टम पांच सितंबर को म्यांमार से बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर रही है और 48 घंटों के भीतर भारतीय भूभाग को पार कर लेने के आसार है।

अगस्त की कमी पूरी होगी सितंबर में

देश के मध्य और उत्तरी भागों के बड़े हिस्सों में बरसात अगस्त के दौरान हुई कमी की कुछ हद तक क्षतिपूर्ति करेगी। तीन सितंबर तक पूरे देश में बरसात की 9 प्रतिशत की कमी है, लेकिन आगामी दिनों में यह पूरी हो जाएगी। राजस्थान के कुछ हिस्से, विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान, इस मानसून मौसम की आखिरी बारिश देखने को मिल सकती है। 10 सितंबर के बाद किसी भी समय उस क्षेत्र से मानसून वापसी के संकेत देने लगता है। इस अवधि के बाद छिटपुट बरसात, यदि कोई हो, तो उसे 'बोनस' माना जा सकता है। पश्चिमी राजस्थान में इस बार आंकड़े 20 प्रतिशत से अधिक घाटे में है।

04 सितंबर को मार्ताबन की खाड़ी और आसपास के क्षेत्र में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है। यह सिस्टम म्यांमार क्षेत्र के यांगून, पायपोन और पाथेन में कूदते हुए 'माउथ ऑफ़ इरावदी' के ऊपर से गुजरेगा। यह पांच सितंबर को एक प्रभावी चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र में बदल जाएगा और पूर्वोत्तर और आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर स्थानांतरित हो जाएगा। पश्चिम की ओर भारतीय तट की ओर बढ़ते हुए, यह सिस्टम 06 सितंबर को दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट से दूर उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद है।

08 से 11 सितंबर के बीच पश्चिम और उत्तरी मध्य प्रदेश में मौसमी स्थित रह सकता है सिस्टम

सितंबर का पहला निम्न दबाव उत्तर पश्चिम की और बढ़ेगा और ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के भागों तक पहुंचेगा। जबकि पश्चिम मध्य प्रदेश में, सिस्टम की परिधीय पहुंच गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड के मौसम की स्थिति को प्रभावित करेगी। मौसमी सिस्टम के असामान्य रूप से बड़े प्रसार के परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में संभवतः भारी बारिश के साथ, तीव्र मौसम की गतिविधि देखने को मिल सकती है। 08 से 11 सितंबर के बीच पश्चिम और उत्तरी मध्य प्रदेश में मौसमी सिस्टम स्थिर रह सकती है।


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