जीएसटी में जमा धन पर नहीं लगेगा ब्याज, कारोबारियों को राहत
जागरण संवाददाता पानीपत कारोबारी अपने इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में दिख रही आइटीसी (इ
जागरण संवाददाता, पानीपत : कारोबारी अपने इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में दिख रही आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) से जितना टैक्स अदा कर रहा है, उतनी राशि पर रिटर्न देर से दाखिल होने पर भी ब्याज नहीं लगेगा। यह निर्देश केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड व कस्टम (सीबीआइसी) ने दिए हैं। सीबीआइसी ने यह व्यवस्था जुलाई 2017 से लागू की है।
कारोबारी माल खरीदते समय टैक्स भी अदा करता है। यह टैक्स उसके इलेक्ट्रानिक क्रेडिट लेजर में दिखता है, क्योंकि वह टैक्स के उस हिस्से को एक तरह से माल बेचने से पहले ही चुका देता है। पूरे माह माल बेचने के बाद जो टैक्स बनता है, उसे वह अगले माह की 20 तारीख तक जमा करता है। देरी होने पर उस पर प्रतिमाह डेढ़ फीसद की दर से ब्याज लगता है। अभी जीएसटी अधिकारी रिटर्न लेट होने पर कारोबारी के पूरे टैक्स पर ब्याज लगा रहे थे।
इसे यूं समझें : मान लीजिए एक व्यापारी का इनपुट क्रेडिट एक लाख बनता है। उसको टैक्स 1.10 लाख रुपये पर देना है। अगर रिटर्न भरने में देरी करता है तो दस हजार पर ही जुर्माना लगेगा। पूरी राशि पर नहीं, क्योंकि एक लाख तो उसने सरकार से लेना ही है।
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कारोबारियों के लिए बहुत राहत की बात है, रिटर्न एक दिन लेट होने पर भी पूरे टैक्स पर डेढ़ फीसद ब्याज लिया जा रहा था। अच्छी बात यह भी है कि सीबीआइसी ने इसे जुलाई 2017 से लागू कर दिया है।
एचके गोयल, चार्टर्ड अकाउंटेंट।