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आज कलाम का जन्‍मदिन- हरियाणा में मिसाइल मैन ने ये दिया था सक्‍सेस मंत्र

मिसाइलमैन अब्‍दुल कलाम आजाद जहां भी बच्‍चों से मिलते, उनसे ढेर सारी बातें करते। पानीपत में भी ऐसा हुआ। थर्मल प्‍लांट का शुभारंभ करना था। इसी दौरान बच्‍चों ने उनसे सफलता पर सवाल पूछे।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 03:27 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 04:12 PM (IST)
आज कलाम का जन्‍मदिन- हरियाणा में मिसाइल मैन ने ये दिया था सक्‍सेस मंत्र
आज कलाम का जन्‍मदिन- हरियाणा में मिसाइल मैन ने ये दिया था सक्‍सेस मंत्र

जेएनएन, पानीपत : आज मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन है। बच्चों से उन्हें हमेशा विशेष लगाव रहा। डॉ.कलाम हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी दी हुईं सीख और विचार, हमेशा साथ रहेंगे। पानीपत में जब वे आए, तब उनके भाषण के बाद एकाएक कुछ बच्चे खड़े हो गए। कलाम ने जब देखा कि वे बच्चे कुछ उनसे सवाल करना चाहते थे, तो वे वहीं पर रुक गए। एकाएक पूरा माहौल ही बदल गया। एक बेटी ने पूछा- सर, सफल होने के लिए क्या आपके पास कोई मंत्र है। तब वे दो पल के लिए मुस्कराए और कहा- स्वेट, स्वेट, स्वेट। यानी पसीना बहाएं, खूब परिश्रम करें।

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इस मंत्र के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है सफलता हासिल करने के लिए। अगर आज हम आराम करने की सोचेंगे तो कल हम सक्सेस कैसे हासिल कर सकेंगे। किसी भी बड़ी सफलता के पीछे कड़े परिश्रम का ही हाथ होता है। कलाम ने पानीपत के थर्मल पावर प्‍लांट का शुभारंभ किया था।

कलाम का पूरा नाम
एपीजे अब्दुल कलाम यानी अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम। इन्‍हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे। चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। वर्ष 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए।

तमिलनाडु में जन्‍म, अखबार भी बेचे
15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गांव  (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में इनका जन्म हुआ। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे। अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे। वह पांच भाई एवं पांच बहन थे और घर में तीन परिवार रहा करते थे। रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा-संस्कार हुआ था। अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े।

27 जुलाई, 2015 को निधन
अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में 'रहने योग्य ग्रह' पर एक व्याख्यान दे रहे थे। उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और बेहोश हो कर गिर पड़े। कलाम अक्टूबर 2015 में 84 साल के होने वाले थे।


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