HSSC ग्रुप डी की परीक्षा में ड्रामा, जानें क्यों हुआ हंगामा
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से हुई ग्रुप डी की परीक्षा में जमकर ड्रामा हुआ। परीक्षा केंद्रों में सुपरवाइजर थाने तक दौड़ लगाते दिखे। आखिर ऐसी क्या थी वजह, पढ़े ये खबर।
जेएनएन, पानीपत: ग्रुप डी की परीक्षा में वह सब कुछ हुआ, जो शायद ही अधिकारियों ने सोचा होगा। अभ्यर्थियों ने जिस तरह के हत्थकंडे अपनाए, उससे परीक्षा केंद्रों में माहौल गर्म रहा। अभ्यर्थी को घर से बुलाने तक की नौबत आ गई। पानीपत सहित अन्य जिलों में भी कुछ ऐसा ही हाल था। जानने के लिए पढि़ए ये खास खबर।
पानीपत में दूसरे दिन 72 केंद्रों में ग्रुप-डी भर्ती की परीक्षा हुई। इस दौरान आर्य बाल भारती स्कूल में बने परीक्षा केंद्र में नशे में धुत अभ्यर्थी पहुंचा। पुलिस ने गेट में दाखिल होते ही उसे पकड़ लिया। बहादुरगढ़ निवासी युवक प्रात:कालीन सत्र में परीक्षा देने आया था। पकड़े जाने के बाद वह परीक्षा देने की गुहार लगाता रहा।
समालखा में पहले ही ले ली ओएमआर शीट
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि समालखा के सेंटर कोड नंबर 441 पर आधे घंटे पहले ओएमआर शीट ले ली गई। हालांकि सुपरवाइजर ने बाद में गलती स्वीकार कर अभ्यर्थियों से आयोग को शिकायत न करने का दबाव बनाया। झज्जर के हितेश और राहुल ने बताया कि कमरा संख्या एलएच 06 रूम नंबर में परीक्षा दे रहे थे। आधे घंटे पहले ही शीट मांगने पर जल्दबाजी में 50 बच्चों ने जल्दबाजी में ओएमआर शीट गलत भर दी।
सुपरवाइजर से दो आंसर शीट हुई गायब
कैथल के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय केंद्र में चल रही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ग्रुप डी की लिखित परीक्षा में सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक हो गई। सुपरवाइजर ने सुबह के चरण की परीक्षा खत्म होने के बाद जब एकत्र की शीटें काउंट की तो दो कम पड़ गई। शीटें कम होते ही सुपरवाइजर के होश उड़ गए।
एसपी भी मौके पर पहुंचे
जब बार बार जांच करने के बाद भी शीटें नहीं मिली तो केंद्र से किसी ने अभ्यर्थी चरखी दादरी निवासी सचिन कुमार और रोहतक निवासी संदीप को केंद्र पर बुलाया गया। दोनों को शीटें साथ लेजाने की बात कही, लेकिन जब नहीं माने तो थाने में ले जाकर पर्चा दर्ज करवाने की धमकी भी दी। हंगामा होने के एसपी आस्था मोदी और डीएसपी रामकुमार भी मौके पर पहुंचे।
ट्रेन में सीट तक पहुंचने की मशक्कत।
मौत का सफर तय किया परीक्षार्थियों ने
ग्रुप डी की परीक्षा के दूसरे दिन यातायात व्यवस्था बुरी तरह से हांफ गई और लोग जाम से जूझते रहे। हरियाणा रोडवेज द्वारा परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करना तो दूर की बात पहले से भी कम बसें निर्धारित रूटों पर रहीं। हालात यह थे कि भीड़ को देखकर रोडवेज चालकों ने स्टापेज तक पर बसें नहीं रोकी। वहीं ट्रेनों में इससे भी बुरे हालात रहे। महिलाओं को खिड़कियों से होकर सीट तक जाना पड़ा।