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नाबालिग की कर रहे थे शादी, बैरंग लौटाई बरात

पानीपत में सौंधापुर चौक के पास जाटल रोड पर मंगलवार को ग्यारहवीं की छात्रा की शादी रुकवा दी गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 08:43 AM (IST)
नाबालिग की कर रहे थे शादी, बैरंग लौटाई बरात
नाबालिग की कर रहे थे शादी, बैरंग लौटाई बरात

जागरण संवाददाता, पानीपत : सौंधापुर चौक के पास जाटल रोड पर मंगलवार को ग्यारहवीं की छात्रा का विवाह की तैयारी चल रही थी। बरात भी पहुंच चुकी थी। सूचना मिलने पर महिला संरक्षण एवं जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता पुलिस को लेकर पहुंच गई। दसवीं कक्षा की मार्कशीट के मुताबिक लड़की की आयु लगभग साढ़े सत्रह वर्ष निकली। विवाह रुकवाकर दोनों पक्षों को सीजेएम हर्षाली चौधरी की कोर्ट में पेश कर बयान कराए।

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रजनी गुप्ता ने बताया कि सुबह के समय किसी ने नाबालिग लड़की के विवाह की सूचना दी थी। सही नाम-पता नहीं होने के कारण पहले सौंधापुर चौक पहुंचे। पूछताछ के बाद विवाह समारोह वाले घर पर पहुंचे तो शिमला गुजरान का विक्रम पुत्र कर्ण ¨सह बरात लेकर पहुंचा हुआ था। लड़की की आयु का सर्टिफिकेट मांगा गया तो परिजनों ने सहयोग नहीं किया। फौरी तौर पर विवाह रुकवाते हुए राधा-कृष्ण स्कूल पहुंचे। यहां से लड़की ने दसवीं कक्षा पास की थी और 11वीं में पढ़ रही है। स्कूल से पता चला कि अगले वर्ष जनवरी में लड़की 18 साल की हो जाएगी। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की धाराओं में सीजेएम हर्षाली चौधरी की कोर्ट में वाद दायर किया।

लड़की की मां, गांव सुताना निवासी मामा कर्ण ¨सह और विक्रम, लड़का पक्ष से विक्रम और उसके पिता को कोर्ट में पेश कराकर सभी के बयान कराए गए। कोर्ट के आदेश पर दोनों पक्षों को पेश किया गया। रजनी गुप्ता के मुताबिक कोर्ट ने दोनों पक्षों को सख्त आदेश दिए हैं कि लड़की की आयु 18 वर्ष होने से पहले शादी नहीं होनी चाहिए।

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परिजनों ने यह बताया विवाह का कारण :

लड़की की मां ने रजनी गुप्ता को बताया कि उसका पति अनिल कई वर्ष पहले कहीं चला गया है। जैसे-तैसे परिवार का भरण पोषण हो रहा है। कुछ जिम्मेदारी कम हो इसके चलते लड़की का विवाह तय कर दिया। विवाह में रकम भी लड़की के मामा खर्च कर रहे हैं। उधर, विक्रम ने बताया कि वह स्टूडेंट है, पिता लकवाग्रस्त हैं। माता-पिता दोनों उसकी शादी जल्द करना चाहते थे।

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प्रिंसिपल को भी न्योता

रजनी गुप्ता ने बताया कि लड़की होनहार है, कक्षा 10 में 88 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। आयु जांच करने स्कूल पहुंचे तो ¨प्रसिपल की टेबल पर भी शादी का निमंत्रण पत्र रखा था। उनसे पूछा कि आपने बाल विवाह के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई तो जवाब मिला कि लड़की हमारे यहां की छात्रा है और नाबालिग है, इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने निमंत्रण पत्र खोलकर नहीं देखा।


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