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Accident In Panipat: ठेकेदार की लापरवाही, नाबालिग को बिना सुरक्षा उपकरणों के बिजली के खंभे पर चढ़ाया, हादसे में मौत

पानीपत में बिना सुरक्षा उपकरणों के ठेकेदार नाबालिग से खंभा लगाने का काम करा रहा था। जहां हादसे में नाबालिग की मौत हो गई। मृतक के चाचा का आरोप है कि ठेकेदार राजीव चौहान व उसके पास काम करने वाले वर्करों की लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:14 PM (IST)
Accident In Panipat: ठेकेदार की लापरवाही, नाबालिग को बिना सुरक्षा उपकरणों के बिजली के खंभे पर चढ़ाया, हादसे में मौत
पानीपत में ठेकेदार की लापरवाही के कारण नाबालिग की मौत।

जागरण संवाददाता, पानीपत। पानीपत में ठेकेदार के लापरवाही के कारण एक नाबालिग की मौत हो गई। दरअसल उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर जिले के गांव सिसौली निवासी 15 वर्षीय दीपक की मौत हो गई। आरोप है कि गांव भैंसवाल के पास ठेकेदार उससे खेतों में लगे बिजली के खंभे पर बिना सुरक्षा संसाधनों के काम करा रहा था। तभी हादसा हो गया। हादसा मंगलवार का है। मृतक छह भाई बहनों में सबसे बड़ा था।

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पुलिस को दी शिकायत के अनुसार

दीपक के चाचा सुरेंद्र ने किला थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि दीपक को गांव के ही रहने वाले अंकुर, शरद, अमित व पवन 15 अक्टूबर को काम दिलाने की बात बोल बहकाकर अपने साथ लेकर पानीपत आ गए थे। चौथे दिन 19 अक्टूबर को दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के करीब उन्हें सूचना मिली की दीपक की मौत हो गई है।

उसने बताया कि गांव के उक्त चारों लड़के उत्तर प्रदेश के ही रम्बाला के रहने वाले ठेकेदार राजीव चौहान के पास काम करते थे। जिसने बिजली के खंभे लगाने का ठेका ले रखा है। गांव भैंसवाल के पास खेतों में बिजली के खंभे पर काम करते समय ही दीपक की मौत हुई। चाचा का आरोप है कि ठेकेदार राजीव चौहान व उसके पास काम करने वाले वर्करों की लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ। क्योंकि ठेकेदार व वर्करों ने दीपक को काम करने के दौरान कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करा रखा था। जिस कारण उसके भतीजे की मौत हुई। उसने पुलिस से ठेकेदार व वर्करों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं किला थाना पुलिस ने मामले में चाचा सुरेंद्र के बयान पर ठेकेदार आदि के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

फंसने के डर से एम्बुलेंस में शव लेकर घर पहुंचे

सुरेंद्र ने बताया कि दीपक की मौत की सूचना देने के बाद चार में से दो युवक फंसने के डर के चलते बिना कोई पुलिस कार्रवाई किए उसके शव को एंबुलेंस में लेकर गांव पहुंच गए। वह गांव से पानीपत के लिए निकल पड़े। उन्हें रास्ते में पता चला तो कंट्रोल रूम के जरिये पुलिस को सूचना दी। पुलिस गांव में पहुंची और शव लेकर पहुंची एंबुलेंस को वापस पानीपत भेजा। चाचा का आरोप है कि शव को पानीपत पहुंचाने के बाद युवक फरार हो गए। हालांकि मामले में काफी समय तक सेक्टर 13-17 व किला थाना के बीच फंसा रहा और बाद में किला थाना ने मामले में कार्रवाई की।

माता पिता की भी हो चुकी है मौत

चाचा सुरेंद्र ने बताया कि मेरे भाई प्रवीन की करीब आठ साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उसके बाद भाभी का भी कुछ समय बाद निधन हो गया। उसके भाई की चार बेटी व दो बेटे हैं। दीपक उनमें सबसे बड़ा था। रेहड़ी लगा वो ही सभी का पेट पाल रहा था, लेकिन उसे क्या पता था की भतीजा भी उसके साथ नहीं रहेगा।


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