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कुरुक्षेत्र की धरती पर मंत्री, विधायक और किसान सीखेंगे प्राकृतिक खेती के गुर, गुरुकुल में जुटेंगे सभी

कुरुक्षेत्र में जीरो बजट प्राकृतिक खेती के गुर सिखाए जाएंगे। इसमें न सिर्फ विधायक मंत्री होंगे बल्कि किसान भी जुटेंगे। सीएम खुद इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 11:33 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 05:56 PM (IST)
कुरुक्षेत्र की धरती पर मंत्री, विधायक और किसान सीखेंगे प्राकृतिक खेती के गुर, गुरुकुल में जुटेंगे सभी
कुरुक्षेत्र की धरती पर मंत्री, विधायक और किसान सीखेंगे प्राकृतिक खेती के गुर, गुरुकुल में जुटेंगे सभी

पानीपत/कुरुक्षेत्र, [जगमहेंद्र सरोहा]। धर्मनगरी की धरती पर प्रदेश के किसान जीरो बजट प्राकृतिक खेती के गुर सीखेंगे। यहां किसानों को वर्कशॉप में टिप्स देने के साथ प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल 12 मार्च को कुरुक्षेत्र गुरुकुल में स्थापित केंद्र का उद्घाटन करेंगे। उनके साथ प्रदेश के मंत्री, विधायक, डीसी और कृषि उपनिदेशक भी पहुंचेंगे। गुरुकुल में इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। 

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कृषि विभाग ने 2.60 करोड़ की लागत से गुरुकुल कुरुक्षेत्र में वर्कशॉप सेंटर स्थापित किया है। गत वर्ष तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने इसका शिलान्यास किया था। यह केंद्र अब बनकर तैयार हो गया है। बाहर से आकर्षित केंद्र अंदर से भी उतना ही सुंदर और सुविधा संपन्न है। 

गुरुकुल के फार्म का भी मौका देखेंगे सीएम और मंत्री 

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बताया कि गुरुकुल में 12 मार्च को कार्यक्रम होगा। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यातिथि होंगे, जबकि कृषि मंत्री जेपी दलाल इसकी अध्यक्षता करेंगे। वर्कशॉप में कृषि विशेषज्ञ मंत्रियों, विधायकों, डीसी और कृषि उपनिदेशकों को प्राकृतिक खेती के बारे में बताएंगे। हिमाचल प्रदेश के कृषि विशेषज्ञ डॉ. राजेश चंदेल, कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र से डॉ. हरिओम और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विशेषज्ञ डॉ. बलजीत शरण अपने अनुभव साझा करेंगे। 

दो-दो जिलों के किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण 

गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सैनी ने बताया कि केंद्र में एक बार में दो जिलों के किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 25-25 किसान शामिल होंगे। यह पांच दिन का शिविर होगा। इसमें किसानों को प्रात:कालीन सत्र में थ्योरी और सायंकाल में प्रैक्टिकल कराई जाएगी। उसको प्राकृतिक तरीके से खाद व जीवामृत तैयार करने के लिए वर्कशॉप में ले जाया जाएगा। इसके अलावा गुरुकुल के फार्म पर भी ले जाया जाएगा। 


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