स्कूलों में नहीं बनेगा दोपहर का भोजन, बच्चों को बांटेंगे बिस्किट
पानीपत में मिड-डे मील वर्करों के सोमवार को होने वाली हड़ताल से निपटने के इंतजाम प्रशासन ने कर लिये हैं।
पानीपत, जेएनएन। मिड-डे मील वर्करों के सोमवार को होने वाली हड़ताल से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। निदेशालय ने हड़ताल के दौरान बच्चों को मिड-डे मील तैयार न होने की स्थिति में बिस्किट, फल और अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। निर्धारित कु¨कग कॉस्ट के हिसाब से ही उपलब्ध कराई जाएगी।
अधिकारियों के सामने इस रेट में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। शिक्षा विभाग पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को स्कूल में मिड-डे मील देता है। जिला समेत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ही मिड-डे-मील तैयार किया जाता है। प्रत्येक स्कूल में वर्कर भोजन बनाती है। स्थायी नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर एमडीएम वर्कर कई महीने से संघर्ष कर रही है। 19 नवंबर को संसद में मार्च करेंगे।
65,355 बच्चों को जिले में मिलता है मिड-डे मील
मौलिक शिक्षा विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जिले में 65,355 बच्चों को मिड-डे मील दिया जाता है। इनमें पहली से पांचवीं कक्षा तक 40605 और छठी से आठवीं कक्षा तक 24750 बच्चे हैं। इन स्कूलों में 1082 मिड-डे मील वर्कर हैं। खाना न बनने पर देंगे अन्य खाद्य पदार्थ दें शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को मिड-डे मील तैयार न होने की स्थिति में बिस्किट या अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने होंगे। पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए कु¨कग कॉस्ट 4.13 रुपये और छठी से आठवीं तक 6.18 रुपये निर्धारित की है। डीईईओ ने इस बारे में संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।
संसद का घेराव
वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को सभी एमडीएम वर्कर संसद का घेराव करने दिल्ली जाएंगे। मामूली मानदेय पर केंद्र सरकार वर्करों से छह घंटे काम ले रही है। स्कूल में चतुर्थी वर्गीय कर्मचारी का काम भी करना पड़ रहा है। रेखा, जिलाध्यक्ष, एमडीएम वर्कर्स यूनियन वर्जन : निदेशालय से मिड-डे मील वर्करों की हड़ताल की सूचना मिली है। निदेशालय के आदेशानुसार हड़ताल के दौरान बच्चों को बिस्किट या अन्य खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे। इस बारे में सभी बीईओ को सूचित कर दिया है। धर्मबीर कादियान, डीईईओ, पानीपत।