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कोरोना संकट में मनरेगा ने बढ़ाया हौसला, रोजगार के साथ काम भी शुरू

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के संकट के समय मनरेगा ने श्रमिकों का हौसला बढ़ाया है। इससे न सिर्फ उनको रोजगार मिला बल्कि जिंदगी का पहिया एक बार फ‍िर दौड़ता नजर आ रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 01:00 PM (IST)
कोरोना संकट में मनरेगा ने बढ़ाया हौसला, रोजगार के साथ काम भी शुरू
कोरोना संकट में मनरेगा ने बढ़ाया हौसला, रोजगार के साथ काम भी शुरू

पानीपत, जेएनएन। कोरोना महामारी के संकट में सबसे बड़ा असर रोजगार पर पड़ा है। ऐसे समय में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम मनरेगा योजना बड़ा सहारा बन रही है। गांव में रहने वाले मजदूरों के लिए मनरेगा ने आशा की किरण जगाई है। लॉकडाउन-3 के दौरान कुछ छूट दी गई है। इनमें मनरेगा को भी शामिल किया गया है। गांव में ऐसे बहुत सारे काम हैं, जिनके शुरू होने से ग्रामीणों से लेकर बेजुबान पशुओं को राहत मिलेगी। तालाब की खुदाई इनमें महत्वपूर्ण है। कई गांवों में थ्री पोंड और फाइव पोंड सिस्टम के तालाब बन रहे हैं, जो आने वाले समय में जलस्तर को ऊपर उठाएंगे। 

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32 कार्य फिर से शुरू हो गए हैं मनरेगा योजना के तहत 

2241 को सीधे काम मिल रहा है 

5 कार्य पानीपत ब्लॉक में प्रगति पर हैं 

479 मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है 

6 कार्य इसराना में चल रहे 

485 मजदूरों को यहां मिला काम

5 कार्य समालखा में प्रगति पर

428 मजदूरों को मिला काम

4 कार्य सनौली खुर्द में हो रहे 

85 लोगों को मिला काम

6 काम बापौली में शुरू हुए

414 को यहां काम मिला हुआ है 

646 कार्य पशु शेड बनाने के होने हैं

10 कार्य तालाब खुदाई के शुरू हुए हैं 

15 कार्य मिट्टी भरत के होंगे

100 दिन रोजगार देने का प्रावधान है इस योजना के तहत प्रत्येक व्यस्क ग्रामीण परिवार को प्रत्येक वित्त वर्ष में 

309 रुपये प्रत्येक दिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। 

60 फीसद योजना का खर्च मजदूरी पर होता है 

40 फीसद खर्च सामग्री पर किया जाता है 

3 करोड़ 44 लाख रुपये नहरी सफाई के लिए, कुल 30 कार्य होने हैं 

98 लाख रुपये पानी की टंकी की सफाई के लिए, कुल 23 कार्य होने हैं 

43.29 लाख रुपये लोक निर्माण विभाग की सड़कों की सफाई के लिए, 25 कार्य निर्धारित 

ये काम होते हैं 

डीसी हेमा शर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत नहरों/नहरी नालों की सफाई, खेतों के रास्तों को पक्का करवाना, तालाबों की खुदाई/नवीनीकरण करवाना, वन विभाग के तहत पौधरोपण करवाना, खाद के गड्ढे, जल संचय करवाना और पशुओं के बाड़े बनवाए जा रहे हैं। 

फायदा ये होगा 

1- तालाब खुदाई से होगा फायदा 

तालाब की खुदाई शुरू हो गई है। गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्र में तालाब ऐसा जरिया होते हैं जिनसे पशुओं को पानी मिलता है। गांव का भूमि जलस्तर ऊपर उठता है। 

2- टंकी होंगी साफ 

पानी की टंकी को इस समय साफ करने की जरूरत है। दरअसल जैसे-जैसे गर्मी का मौसम बढ़ेगा, वैसे-वैसे पानी की जरूरत बढ़ेगी। टंकी अगर साफ नहीं होगी तो बीमार होने का खतरा बढ़ेगा।

3- पौधरोपण शुरू हो रहा है

मनरेगा के माध्यम से पौधरोपण का काम कराया जा रहा है। हरियाली बढ़ेगी। नर्सरियों से संपर्क किया जा रहा है। 

4- पशुओं के लिए शेड 

पशुओं के लिए शेड बनाए जाने जरूरी हैं। खासकर गोशालाओं और गोअभयारण्यों में। गर्मी में शेड के नीचे ही पशुओं को छाया नसीब होगी। 


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