Move to Jagran APP

आस्था के मंत्र से हरियाली का संदेश, गुरु की धरती की मिट्टी व जल से प्रकृति का शृंगार

हरियाणा के करनाल की दो संस्‍थाएं आस्‍था के मंत्र से हरियाली का संदेश दे रही हैं। गुरु की धरती की मिट्टी व पानी से प्रकृति का शृंगार करने की अनोखी मुहिम चला रही हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 04:52 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 05:09 PM (IST)
आस्था के मंत्र से हरियाली का संदेश, गुरु की धरती की मिट्टी व जल से प्रकृति का शृंगार
आस्था के मंत्र से हरियाली का संदेश, गुरु की धरती की मिट्टी व जल से प्रकृति का शृंगार

करनाल, [पवन शर्मा]। कहते हैं, जहां आस्था है, वहां बंद द्वार में रास्ता है...। कुछ इसी तर्ज पर तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद करनाल की दो संस्थाएं आस्था के मंत्र से हरियाली बचाने का संदेश दे रही हैं। उन्‍होंने पर्यावरण संरक्षण को ईश्‍वर और गुरु की भक्ति से जोड़ा और आस्‍था के मंत्र से हरियाली का संदेश रही है। गुरु के पवित्र स्‍थल से लाई मिट्टी और पावन जल से प्रकृति के शृंगार की यह मुहिम बेहद अनूठी है।

loksabha election banner

देश भर में ननकाना साहिब की मिट्टी व पंजा साहिब के जल से रोपे जा रहे पौधे

सामाजिक व स्‍वयंसेवी संस्‍था निफा की गो ग्री विंग ने देश के सभी प्रमुख गुरुद्वारों में पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब से लाई गई मिट्टी व पंजा साहिब से लाए गए पवित्र जल से पौधे रोपने की अनूठी मुहिम शुरू की है। ऋषि ब्रह्मानंद आश्रम व ओशो आश्रम सरीखे स्थलों में भी निफा के स्वयंसेवक लगातार पौधारोपण कर रहे हैं। लक्ष्य है कि, यह और ऐसे अन्य प्रोजेक्ट के बूते इस वर्ष देश भर में कम से कम एक लाख पौधे लगाए जाएं।

करनाल की ही संस्था 'समाधानांचल' ने बड़, नीम और पीपल की त्रिवेणी रोपने को सबसे बड़े यज्ञ, तप तथा दान की संज्ञा देते हुए आम जनमानस के दैनिक संस्कारों में पर्यावरण संरक्षण का सरोकार शामिल कर दिखाया है।  इससे आम लोगों में प्रकृति के प्रति आस्‍था के सहारे प्रेम व जुड़़ाव जगाया जा रहा है।

सरहदों के पार पहुंचाया पैगाम

पहले जिक्र नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंव् एक्टीविटीज यानि निफा का। इसके अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नू बताते हैं कि 21 सितंबर 2000 को स्थापित निफा हरियाणा की एकमात्र संस्था है, जिसके नाम राष्ट्रीय युवा पुरस्कार सहित छह गिनीज रिकॉर्ड दर्ज हैं। संस्था ने गत वर्ष पर्यावरण के सरोकारों से जुड़ते हुए गो ग्रीन विंग शुरू की, जिससे 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि जुड़े हैं।

पन्‍नू ने बताया कि गो ग्रीन आस्था के मंत्र से जनमानस को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है। गत वर्ष विंग ने पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब की मिट्टी और पंजा साहिब से लाया गया पवित्र जल संग लेकर उन करीब 15 देशों में सद्भावना यात्रा निकाली, जहां गुरुनानक देव गए थे। इन देशों के गुरुद्वारों में पवित्र मिट्टी व जल डालकर पौधे रोपे गए। पाकिस्तान स्थित करतारपुर कॉरिडोर में भी ऐसा किया गया।

बारिश के सीजन में गुरु परब आने पर अब देश के सभी पवित्र गुरुद्वारों में इस मुहिम को विस्तार दिया जाएगा। ऋषि ब्रह्मानंद आश्रम और ओशाे आश्रम में भी पौधे लगाए गए हैं। इस वर्ष पूरे देश में कम से कम एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है, जिनमें सजावटी के बजाय औषधीय, छायादार और फलदार पौधों में शामिल नीम, पीपल, बड़, तुलसी, गिलोय, आम व अमरूद आदि लगाने पर फोकस है। विंग में इंचार्ज राजीव मल्होत्रा सहित हरीश शर्मा, भीम सिंह और गुरबचन सिंह का योगदान अतुलनीय है। 

-----------

सकारात्मक ऊर्जा दे रही त्रिवेणी

पर्यावरण संरक्षण के संदेश को आस्था के मंत्र से जोड़कर करनाल की संस्था 'समाधानांचल' अनूठी मुहिम चला रही है। संस्‍था की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष यादव एडवोकेट ने बताया कि बड़, नीम व पीपल के पौधे त्रिकोणाकार में लगाते हैं। छह-सात फीट बढ़ने पर इन्हें आपस में मिला देते हैं, तब यह त्रिवेणी कहलाती है। त्रिवेणी को खुले एवं सार्वजनिक स्थानों पर ही लगाया जाता है। त्रिवेणी लगाते हैं तो धरती से उल्लास छलकता महसूस होता है।

यज्ञ, तप व दान के सूत्र से जोड़कर रोपी जा रही बड़, नीम तथा पीपल की त्रिवेणी

वह कहते हैं त्रिवेणी में ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का वास माना गया है। त्रिवेणी लगाने, लगवाने या इसकी सेवा से समस्त देवता एवं पितृ स्वत: पूजित हो जाते हैं। 2013 से आरंभ अभियान के तहत 375 से अधिक त्रिवेणियां लगाई जा चुकी हैं। शास्त्रों में त्रिवेणी को स्थायी यज्ञ कहा गया है। इसके चमत्कारिक प्रभाव भी हैं।

त्रिवेणी क्षेत्र में ध्यान योग के अभ्यास से ग्रहणशीलता बढ़ती है। नजला, जुकाम से लेकर अस्थमा रोगी तक ठीक हो जाते हैं। ग्रह पीड़ा से बचाने में भी यह कारगर है। देश भर में जानी-मानी हस्तियों और संगठनों के जरिए त्रिवेेणियां लगवाई गई हैं। इस वर्ष यह सिलसिला दोगुनी गति से आगे बढ़ाएंगे। इसके तहत हर गांव और शहर में संपर्क साधा जाएगा।  

यह भी पढ़ें: दो महीने में छह हजार का चिकन चट कर गया सरकारी मेहमान बना पिटबुल


यह भी पढ़ें: अनलॉक-1: हरियाणा में मनोहर ने की सौगातों की बारिश, जानें किसे क्‍या मिला

यह भी पढ़ें: मास्‍क जरूर पहनें, लेकिन जानें किन बातों का रखना है ध्‍यान, अन्‍यथा हो सकता है हाइपरकेपनिया


यह भी पढ़ें: डॉलर की चकाचौंध भूल गए थे अपना वतन, अब गांव की मिट्टी में रमे पंजाब के युवा

यह भी पढ़ें: खुद को मृत साबित कर US जाकर बस गया, कोरोना के डर से 28 साल बाद पंजाब लौटा तो खुली पोल

यह भी पढ़ें: वंडर गर्ल है म्‍हारी जाह्नवी, दुनिया भर के युवाओं की आइकॉन बनी हरियाणा की 16 की लड़की 

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.