जमानत पर आए ऋषि चुलकाना गैंग का गुर्गा मोनी ने फैलाई दहशत, गिरफ्तार Panipat News
ऋषि चुलकाना गैंग का गुर्गा मोनी जानलेवा हमला के मामले में चार माह पहले जेल से जमानत आया था। शराब ठेकेदार से मारपीट करने पर गिरफ्तार किया गया।
पानीपत, जेएनएन। चुलकाना के शराब ठेकेदार राजेंद्र के साथ मारपीट सहित पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी देने वाले ऋषि चुलकाना गैंग के तीन युवकों को सीआइए ने तीन अवैध देशी पिस्तौल के साथ काबू किया है। पकड़े गए नाबालिग लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया है, जबकि आरोपित युवक प्रवीन उर्फ मोनी और जयपाल उर्फ आरपी को पूछताछ के लिए तीन दिनों के रिमांड पर लिया है।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपित मोनी ने ऋषि गैंग की दहशत फैलाने के लिए वारदात को अंजाम देने की बात कही है। उप-पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतीश कुमार वत्स ने प्रेसवार्ता में बताया कि 16 दिसंबर 2019 को राजेन्द्र चुलकाना ने पुलिस को शिकायत दी कि
तीन साथियों के साथ मिलकर की वारदात
गांव स्थित उसके शराब ठेका से वह 15 दिसंबर की शाम घर लौट रहा था। रास्ते में स्कूटी सवार प्रवीन उर्फ मोनी व उसके तीन साथियों ने रास्ता रोकर देशी पिस्तौल से उसके ऊपर फायर किया। फायर मिस होने से वह बाल-बाल बच गया। आरोपितों ने पिस्तौल के बट से उसके सिर पर तीन-चार वार किए। जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। राजेन्द्र की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की।सीआईए-तीन को मिली सफलता
ठिकानों पर दी गई दबिश
उन्होंने कहा कि वारदात के बाद से सीआईए-तीन की टीम सब इंस्पेक्टर सुभाष के नेतृत्व में आरोपियों की धरपकड़ के लिए उनके संभावित ठिकानों पर लगातार दंबिस दे रही थी। शुक्रवार शाम पुलिस को आरोपित प्रवीन, जयपाल और नाबालिग को काबू करने में कामयाबी मिली।
राजेंद्र का कमांडो गैंग से संबंध
आरोपित प्रवीन उर्फ मोनी के पास से तीन अवैध देशी पिस्तौल 315 बोर बरामद हुए। पूछताछ में आरोपितों ने अपना गुनाह कबूल किया। प्रवीन उर्फ मोनी ने बताया कि वह ऋषि गैंग का सदस्य है। राजेन्द्र उसके विरोधी कमांडो गैंग से संबध रखता है। पिछले काफी समय से दोनों गैंग की आपस में बैर है। उन्होंने कहा कि गैंग का सरगना ऋषि चुलकाना अपराधिक वारदातों में लंबे समय से जेल में बंद है।
प्रवीन का है अपराधिक रिकार्ड
उप-पुलिस अधीक्षक वत्स ने बताया की प्रवीन उर्फ मोनी का अपराधिक रिकार्ड है। वर्ष 2017 में जानलेवा हमले की वारदात में चार माह पहले वह जमानत पर बाहर निकला था।