कष्ट निवारण समिति की बैठक आज, 45 दिन बाद पुलिस बरामद नहीं कर पाई ललिता की अगवा बेटी
जागरण संवाददाता, पानीपत : दो साल से लापता नाबालिग बेटी को पाने के लिए ललिता दर दर की ठोकरें खा रही ह
जागरण संवाददाता, पानीपत : दो साल से लापता नाबालिग बेटी को पाने के लिए ललिता दर दर की ठोकरें खा रही है। बीते 24 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अनुपस्थिति में आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक में पुलिस अधिकारियों ने 15 दिन का समय मांगा था। 45 दिन बीत जाने के बाद भी सुराग नहीं लगा है। लघु सचिवालय में सोमवार को होने वाली बैठक में यह मामला एक बार फिर से गूंजेगा।
दोपहर 12 बजे से कष्ट निवारण समिति की बैठक बुलाई गई। पहले नंबर पर महादेव कालोनी निवासी ललिता व उसके पति विनोद दो साल पहले अगवा की गई बिटिया को दिलाने की गुहार लगाएंगे। पिछली बैठक में कष्ट निवारण समिति के सदस्य अनिल मदान ने भी दो-तीन सुराग मिलने का दावा किया था। हफ्ते दस दिन में कामयाबी मिलने की बात कही थी। पुलिस ने लड़की की बरामदगी के लिए 15 दिन का समय मांगा था। डीएसपी जगदीप दूहन की तरफ से पेश जांच रिपोर्ट पर उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे ने सिस्टम पूरी तरह से खराब होने की बात कही थी। पीड़ित पति पत्नी को उम्मीद है कि कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री उनकी गुहार जरूर सुनेंगे। दो साल से अगवा नाबालिग बेटी को बदमाशों के चंगुल से छुड़वा देंगे।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करेंगे
शिकायत नंबर दो में चांदनी बाग निवासी विनोद कुमार पुनिया का है। सरकारी स्कूल में कार्यरत पत्नी राज पुनिया के आत्महत्या का वे मामला उठाएंगे। पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करेगी। पिछली बैठक में विनोद कुमार ने दोषियों की तरफ से उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
पेंडिंग शिकायत पर मंत्री करेंगे सुनवाई
नवंबर माह की बैठक में तीन नंबर शिकायत को पेंडिंग रख लिया गया था। पानीपत में कार्यरत प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता पर फर्जी आइ कार्ड रखने के एवज में आपराधिक मामला दर्ज करने की धरणी की शिकायत को उपायुक्त ने सुनवाई करने से यह कहते हुए टाल दिया था कि इस बारे में विज साहब ही निर्णय लेंगे। पंचकूला पुलिस ने रजनी गुप्ता पर मामला दर्ज कर रखा है।
सुरजीत मांगेगी बेटी की न्याय
प्रकाश नगर निवासी विधवा सुरजीत कौर की शिकायत पिछली बैठक में लंबित रख ली गई थी। उन्होंने 2013 में बेटी की शादी करनाल में जसविंद्र के साथ की थी। चार साल पहले उनका दामाद बेटी को मार कर रातोरात शव गायब कर दिया था। आरोप लगाया कि किसी के साथ चली गई होगी। तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव बख्शीश सिंह विर्क के दरबार में भी मामला उठा था। लेकिन पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं किया। उपायुक्त ने पुलिस अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस मामले में पति का इंवेस्टिगेशन क्यों नहीं किया।
उपायुक्त अवकाश पर
कष्ट निवारण समिति की बैठक में उपायुक्त चंद्रशेखर खरे उपस्थित नहीं रहेंगे। वे अवकाश पर हैं। अतिरिक्त उपायुक्त राजीव मेहता की देखरेख में यह बैठक संपन्न होगी।