तालाब बचाने को राजाखेड़ी के ग्रामीणों ने की पार्क में सभा
राजाखेड़ी गांव की पंचायती डाबर तालाब को बचाने के लिए ग्रामीण रविवार को पार्क में एकत्र हुए। बैठक करने के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि गांव की इस जीवन रेखा तालाब पर युद्ध स्मारक नहीं बनने देंगे। प्रशासन इसे कहीं और बनवा दे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राजाखेड़ी गांव की पंचायती डाबर तालाब को बचाने के लिए ग्रामीण रविवार को पार्क में एकत्र हुए। बैठक करने के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि गांव की इस जीवन रेखा तालाब पर युद्ध स्मारक नहीं बनने देंगे। प्रशासन इसे कहीं और बनवा दे।
जिला पार्षद व पूर्व भाजपा प्रधान देव मलिक ने बताया कि तालाब के न रहने से राजाखेड़ी, मोहाली, निबरी व उग्राखेड़ी की सैंकड़ों एकड़ फसल हर साल बरसात के मौसम में पानी भरने से खराब हो जाएगी। चारो गांव का बरसाती पानी गहराई होने के कारण इस तालाब में आ जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि जल निकासी के लिए कोई जगह नही बचेगी। गांव के पास एक इंच भी पंचायती भूमि नहीं बचेगी। आधे से ज्यादा गांव गंदे पानी की निकासी न होने के कारण घरों में पानी भरा रहेगा। स्वास्थ्य के लिए यह घातक होगा। बैठक में ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई की इस पंचायती भूमि को ना लिया जाए। उनकी गुहार प्रशासन ने नहीं सुनी तो उच्च न्यायालय का सहारा लेंगे। पूरा गांव परिवार सहित धरने पर बैठने से पीछे नहीं हटेगा। इस अवसर पर सरपंच पति जोगिदर, दयानंद, संतलाल, धर्मबीर, जितेंद्र, रणधीर सिंह, महा सिंह, जय सिंह, कृष्ण लाल, बलबीर मलिक, बलवान मलिक, पंच सुखबीर, शुक्रमपाल, मुकेश, महावीर, प्रदीप व बलराज मलिक मौजूद रहे।