Move to Jagran APP

लोधी पार्क और अशोक नगर कॉलोनी के पार्क में घोटाले की बू

आरोप है कि इब्राहिम लोधी पार्क के लिए दो किस्तों में 70 लाख और अशोक नगर में 10 लाख रुपये आए थे। पार्कों में शायद इतना पैसा नहीं लग पाया है। मेयर ने संबंधित अधिकारियों से वर्क ऑर्डर मांगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 10:26 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 10:26 AM (IST)
लोधी पार्क और अशोक नगर कॉलोनी के पार्क में घोटाले की बू
लोधी पार्क और अशोक नगर कॉलोनी के पार्क में घोटाले की बू

जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम में पार्कों के सुंदरीकरण में एक और घोटाले की बू आ रही है। इस बार इब्राहिम लोधी पार्क और अशोक नगर कॉलोनी के पार्कों पर सवाल उठे हैं। स्थानीय लोगों की मांग पर मेयर अवनीत कौर ने सोमवार को दोनों पार्कों का निरीक्षण किया। आरोप है कि इब्राहिम लोधी पार्क के लिए दो किस्तों में 70 लाख और अशोक नगर में 10 लाख रुपये आए थे। पार्कों में शायद इतना पैसा नहीं लग पाया है। मेयर ने संबंधित अधिकारियों से वर्क ऑर्डर मांगे हैं। अशोक नगर पार्क का शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी ने जुलाई 2018 में ही उद्घाटन किया था।

loksabha election banner

मेयर अवनीत कौर ने सोमवार को दोपहर बाद करीब दो बजे स्काईलार्क रोड स्थित लोधी पार्क का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर व्यवस्थाओं और पार्क सुंदरीकरण का मौका देखा। स्थानीय लोगों ने बताया कि पार्क सुंदरीकरण के लिए 40 और 30 लाख की दो ग्रांट आई थी। नगर निगम के ठेकेदार ने पार्क निर्माण कार्य तेजी के साथ शुरू किया था, लेकिन अपेक्षाकृत काम नहीं हो पाया है। उन्होंने अपने स्तर पर पार्क में बेहतर सुविधाओं का भरोसा दिया। लोधी पार्क में ये कमियां मिलीं

इब्राहिम लोधी पार्क का ट्यूबवेल खराब मिला। पानी न होने की स्थिति में शौचालय पर ताला लगा दिया है। इब्राहिम लोधी समेत दूसरी मूर्तियां टूटी मिलीं। पार्क की दो में से एक लाइट खराब है। पार्क में बैठने के लिए बनाई झोपड़ी में दरार आई हुई है। पार्क असामाजिक तत्वों का ठिकाना बना हुआ है। अशोक नगर पार्क में झूला और ओपन जिम नहीं मिला। बाहर के ग्रिल अंदर लगा दिए गए। पार्क में लगाया गया ट्यूबवेल ओपन में है। करंट लगने का इससे खतरा बना रहता है। यह है पार्क का इतिहास

इब्राहिम लोधी पार्क पानीपत की प्रथम लड़ाई का सूचक है। इब्राहिम लोधी 21 अप्रैल 1526 को मुगल सम्राट बाबर के साथ लड़ते हुए पराजित हो गए थे और उनकी इसमें मौत हो गई थी। यहां एक उच्च दोहरे सीढ़ीदार मंच पर एक आयताकार खुली कब्र है। लखौरी ईंटों में निर्मित है। जिला प्रशासन ने 1987 में अपने अधीन लिया था।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.