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Mahashivratri 2020: कम जगह में बना यह मंदिर उत्तर भारत में सबसे ऊंचा, हर मुराद होती पूरी

Mahashivratri 2020 करनाल में बना प्राचीन श्री सनातन धर्म शिव मंदिर न सिर्फ आस्था को समेटे हैं बल्कि वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण भी पेश करता है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 10:24 AM (IST)
Mahashivratri 2020: कम जगह में बना यह मंदिर उत्तर भारत में सबसे ऊंचा, हर मुराद होती पूरी
Mahashivratri 2020: कम जगह में बना यह मंदिर उत्तर भारत में सबसे ऊंचा, हर मुराद होती पूरी

पानीपत/करनाल, जेएनएन। Mahashivratri 2020 पुराना सराफा बाजार स्थित प्राचीन श्री सनातन धर्म शिव मंदिर पूरे करनाल शहर के लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर की वास्तुकला देखने के लिए लोग दूरदराज से आते हैं। मंदिर में नटराज की अष्ट धातू निर्मित प्रतिमा के दर्शन करने लोग आशीर्वाद लेते हैं। मंदिर की खासियत यह है कि यह 129 फीट की ऊंचाई तक बना है और इसकी सात मंजिल हैं। महाशिवरात्रि पर इस मंदिर की शोभा देखने लायक होती है। मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से एक सप्ताह पहले ही सांग व प्रभात फेरी का आयोजन शुरू कर दिया जाता है। 

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11 फीट लंबाई और आठ फीट चौड़ाई की जगह बना है मंदिर 

11 फीट लंबाई और आठ फीट चौड़ाई की जगह पर यह अनूठा मंदिर बना हुआ है। सात मंजिल बनाते समय उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना पेश किया गया है। इस मंदिर की पांच मंजिल पर देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इनमें राम दरबार, विष्णु, राधा कृष्ण व लक्ष्मी नारायण की मूर्ति शामिल हैं। जबकि मंदिर में नटराज की मूर्ति लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। इतनी कम जगह में बना यह उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर है। इसका निर्माण 1975-76 में हुआ था। यह मंदिर सिद्ध पीठ है। मान्यता है कि सिद्ध पीठ में श्रद्धालुओं द्वारा सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। हर सोमवार, त्रयोदशी, शिवरात्रि व नागपंचमी सहित अन्य त्योहारों के दिन यहां श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। 

महाशिवरात्रि पर होती हैं खास तैयारियां

मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से महाशिवरात्रि पर्व को लेकर खास तैयारियां की जाती हैं। इस दिन विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है। इसे देखने के लिए पूरा शहर उमड़ता है तो आसपास के लोग भी आते हैं। शोभायात्रा में भगवान शिव की बारात निकाली जाती है। जगह जगह बारातियों का स्वागत किया जाता है और प्रसाद बांटा जाता है। इसके अलावा झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनती हैं। इस बार भी शोभायात्रा में 1100 महिलाएं कलश लेकर चलेंगी और कांवडिय़े भी इसमें शामिल होंगे। सामाजिक संस्थाओं की झांकियों के साथ ही शिव मंदिर की ओर से 15 झांकियां शामिल होंगी। इस पर्व से पहले मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से लगातार 11 दिन तक पुरानी अनाज मंडी में सांग का आयोजन किया जाता है। मंदिर को लडिय़ों से सजा दिया गया है। 

व्यवस्था बनाए रखने में करें सहयोग- जिंदल  

पुराना सराफा बाजार स्थित श्री सनातन धर्म शिव मंदिर के वरिष्ठ उपप्रधान रमेश जिंदल ने कहा कि भगवान शिव की पूजा मन से करें और शांति बनाए रखें। भोलेनाथ की लोगों की पीड़ा हरने के गुण को धारण करने का प्रयास करें। श्रद्धालु जलाभिषेक के दिन व्यवस्था को बनाए रखने में मंदिर प्रबंधन का सहयोग करें। कांवडिय़ों से अनुरोध है कि बाजार की व्यवस्था को भंग न करें और शांति से कतारबद्ध होकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करें।


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