बम-बम भोले के जयकारों से निकली महाकाल की पालकी शोभायात्रा
महाशिवरात्रि पर जगन्नाथ मंदिर से सोमवार को भगवान भोले नाथ की 27वीं पालकी शोभायात्रा निकाली गई। इससे पहले जगन्नाथ मंदिर में शिवलिग का रुद्राभिषेक किया गया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन से नए वर्ष का प्रारंभ होता है। पालकी शोभायात्रा की शुरुआत मुख्य अतिथि भारतीय किसान मोर्चा कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र शर्मा उद्योगपति धनराज बंसल जगन्नाथ मंदिर के प्रधान राजेंद्र गुप्ता ने सामूहिक रूप से महाकाल का पूजन कर किया। पूजन आचार्य निरजंन पाराशर व पंडित सुरजीत ने कराया। कार्यक्रम में शामिल सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। दूल्हा बने राजा महाकाल की पालकी बम भोले के जयकारों के साथ धूमधाम से मंदिर से निकाली गई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : महाशिवरात्रि पर जगन्नाथ मंदिर से सोमवार को भगवान भोले नाथ की 27वीं पालकी शोभायात्रा निकाली गई। इससे पहले जगन्नाथ मंदिर में शिवलिग का रुद्राभिषेक किया गया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन से नए वर्ष का प्रारंभ होता है। पालकी शोभायात्रा की शुरुआत मुख्य अतिथि भारतीय किसान मोर्चा कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र शर्मा, उद्योगपति धनराज बंसल, जगन्नाथ मंदिर के प्रधान राजेंद्र गुप्ता ने सामूहिक रूप से महाकाल का पूजन कर किया। पूजन आचार्य निरजंन पाराशर व पंडित सुरजीत ने कराया। कार्यक्रम में शामिल सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। दूल्हा बने राजा महाकाल की पालकी बम भोले के जयकारों के साथ धूमधाम से मंदिर से निकाली गई।
पालकी के आगे-आगे बैंड बाजे चल रहे थे। पालकी यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए देवी मंदिर शिवालय में पहुंची। शोभायात्रा में जगन्नाथ मंदिर पंचायत, बाला जी प्रचार सेवा समिति, खाटू श्याम परिवार, वक्त दो रक्त दो, शहीद सैनिक सम्मान समिति, देवी मंदिर संकीर्तन मंडल के पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे।
250 किलो वजन किया कम
महाकाल की 27वीं पालकी को भव्य रूप दिया गया था। पहले पालकी सांगवान की लकड़ी बनी हुई थी। जिसका वजन 250-300 किलो ग्राम था। इस बार लकड़ी के स्थान पर बोर्ड प्रयोग कर पालकी का वजन कम किया गया ताकि इसे आसानी ले जा सके।
रुद्राभिषेक में शिव का पूजन
देवी मंदिर में सुबह 11 बजे से रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। 51 किलो दूध से शिवलिग बना कर पूजा गया।
मंत्रोच्चारण से शिवलिग का रुद्राभिषेक
विश्व जागृति मिशन सोमनाथ धाम आश्रम निबरी में शिवरात्रि पर आचार्य रत्नेश त्रिपाठी ने विधिवत मंत्रोचारण के साथ शिवलिग का रुद्राभिषेक कराया। शिवलिग को पंचामृत से स्नान करवा कर फल, मिष्ठान, बेल पत्र, पुष्प, वस्त्र चढ़ाकर श्रृंगार किया गया।
आचार्य ने कहा कि शिव भोले को देवों के देव अर्थात महादेव के नाम से पुकारा जाता है। सागर मंथन के समय इन्होंने सभी देवताओं के हिस्से का भी विष पान किया था। महादेव अपने भक्तों की सभी कामनाएं पूरी करते हैं। पूरा समय ओउम नम: शिवाय का जप होता रहा। आचार्य ने महामृत्युंज्य मंत्र का भी जाप किया। उन्होंने शिवरात्रि का महत्व बताया। वीना चुघ, इंद्र चुघ, निकिता एवं धर्मेंद्र मुख्य यजमान रहे। सैकड़ों लोगों ने जलाभिषेक किया।
जगह-जगह लगे भंडारे
शिवरात्रि पर जगह-जगह भंडारे लगे। सेक्टर 25 में मलिक मार्केट, कंबल बाजार, हैंडलूम बाजार, जीटी रोड पर समाज सेवा समिति ने एसडीपीजी कॉलेज के सामने भंडारा लगाया। महाशिवरात्रि पर प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर में विश्व शांति, कल्याण के लिए सामूहिक महायज्ञ किया गया।
महाशिवरात्रि पर्व मनाया
मॉडल टाउन स्थित सनातन धर्म मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया। शाम साढ़े चार बजे से दो घंटे तक संकीर्तन हुआ। मंदिर प्रधान तरुण गांधी ने बताया कि मंदिर में चार पहर की पूजा हुई। पहली पूजा आठ बजे, दूसरी 12 बजे, तीसरी दो बजे, चौथी पूजा सुबह चार बजे हुई। ओम नम: शिवाय की जयकारे गूंजते रहे।
अवध धाम मंदिर में चमक नमक विधि से रुद्राभिषेक
कुटानी रोड स्थित अवध धाम मंदिर में भगवान शिव शंकर का रुद्राभिषेक नमक चमक विधि से वैदिक ब्राह्मणों के वेद मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। दाऊजी महाराज ने बताया कि भगवान शंकर वरदानी है और शीघ्रता से प्रसन्न हो जाते हैं।
भागवत प्रवक्ता राधे राधे महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान शंकर की आराधना उपासना कराई। इस अवसर डॉक्टर अनिल कंसल पर सतीश मेहता असीम मेहता सोनिया मेहता रमेश चौक विनोद लिखा सतीश तागरा डीबी गोयल वीरेंद्र गुप्ता रमेश खन्ना तिलकराज मिगलानी डॉक्टर एमएल कंसल एडवोकेट सुनील भारद्वाज सुबोध बंसल आदि मौजूद रहे।