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Lockdown में बच्चे भी तंग, कोई खाना तो कोई मम्मी-पापा की लड़ाई से परेशान

लॉकडाउन और कोरोना महामारी ने हर किसी को परेशान करके रख दिया है। हेल्प लाइन पर 492 बच्चों ने शिकायत की है। ऐसे मे चाइल्‍ड लाइन मदद को आगे आई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 04:41 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 04:41 PM (IST)
Lockdown में बच्चे भी तंग, कोई खाना तो कोई मम्मी-पापा की लड़ाई से परेशान
Lockdown में बच्चे भी तंग, कोई खाना तो कोई मम्मी-पापा की लड़ाई से परेशान

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। हेलो अंकल... हमारे स्कूल कब तक खुलेंगे? इस बार मेरी पढ़ाई कैसे पूरी होगी। घर बैठे मन भी नहीं लगता। पापा शराब पीते हैं। मम्मी के मना करने पर उनकी पिटाई करते हैं। मेरे को भी पीटा। कई दिनों से ऐसा हो रहा है। रोज की लड़ाई से हमें बचाओ, हम बहुत परेशान है मम्मी रोती रहती है। लॉकडाउन के कारण मामा के घर भी नहीं जा सके। बहुत भूख लगी है खाना भिजवा दो तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी। इस तरह की कॉल चाइल्ड लाइन पर इन दिनों में खूब आ रही हैं। अभी तक 492 कॉल आ चुकी है। गत वर्ष इस मार्च अप्रैल व मई में केवल 75 कॉलें आई। बढ़ती कॉलों की संख्या को देखकर हेल्प लाइन के कर्मचारी भी हैरत में हैं। 

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कुल कॉल :   492

स्कूल कब खुलेंगे :  32

पापा शराब पीते हैं : 20

मेडिकल मदद :   17

भीख मांगने की : 19

परिजनों से मिलाया : 14

राशन व दूध :   194

अन्य  :          98 

बच्चों की आवाज बन रही है चाइल्ड लाइन 

चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर अंजू बाजपेयी का कहना है कि लॉकडाउन के कारण दिक्कत को सभी की बढ़ी है। बढ़ती कॉल बच्चों में जागरूकता  बढऩा का भी सबूत है। वह अपने अधिकारियों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। पहले की तरह बच्चे अब शोषण सहन नहीं करते। चाइल्ड लाइन उनकी आवाज बनी है। कार्यक्रमों से बच्चों को चाइल्ड लाइन के बारे में पता चला है। इसका समाज को लाभ मिलेगा। दूसरा यह भी है कि जो भी कॉल यहां पर आती है। उस पर तुंरत एक्शन लिया जाता है। जिससे विश्वास का रिश्ता उभर रहा है। कोई भी मदद के लिए 1098 पर कॉल कर सकता है। 600 से ज्यादा को राशन भी उपलब्ध कराया है।  

मनोचिकित्सक डाक्टर दिव्य मंगला के मुताबिक लॉकडाउन के कारण उस परिवार के बच्चे ज्यादा दिक्कत में आए है, जिन परिवारों में पहले से तनाव चल रहा था। ज्यादा समय घर पर रहने से यह विवाद बच्चों को प्रभावित करने लगा है। इससे उनका मानसिक तनाव बढ़ गया है। उनकी दिनचर्या व नींद का क्रम भी बिगड़ चुकी है। मित्रों का सर्कल टूट गया। जिससे बच्चों में डिप्रेशन बढ़ जाता हैं। वह चिड़चिड़े, ङ्क्षहसक व छोटी छोटी बातों पर रोना शुरू कर देते हैं।  

तनाव का कारण मिलकर तलाशें

डाक्टर के मुताबिक गौर करने पर बच्चों का तनाव कम किया जा सकता है। परिवार में होने तनाव का कारण  मिलकर तलाशें। बच्चों के सामने खुशी का माहौल रखें। पहले की तरह उनका आठ से दो पढ़ाई का शेड्यूल बनाए। इससे में भी उनको बोर न होने दें। हर रोज दो घंटे फिजिकल एक्सरसाइज जरूर कराएं। इससे छोटे व बड़ों का तनाव कम होता है। ज्यादा दिक्कत आने पर काउंसलर से मदद ली जा सकती है।  

चार बच्चे हैं दूध के पैसे नहीं 

चाइल्ड लाइन के कोर्डिनेटर भानू प्रताप का कहना है कि चार बच्चों की मां पर दूध के लिए मदद मांगी। घर जाकर दूध व अन्य राशन उपलब्ध कराया। जगाधरी में एक व्यक्ति शराब पीकर परिवार से मारपीट करता था। कॉल आने पर टीम पुलिस के साथ घर गए। आरोपित व उसके माता पिता को कड़ी चेतावनी दी। बेबस पिता ने कॉल कर बताया दो दिन से खाना नहीं बना। उनके पास चार बच्चे हैं। टीम ने राशन उपलब्ध कराया। इसी तरह एक व्यक्ति ने कॉल कर बताया दो जुड़वा बेटे व एक बेटी है। दिहाड़ी नहीं लग रही। जीवन यापन करना मुश्किल हो गया। 


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