पिपली से इस तरह बाहर निकले शेर के तीनों बच्चे, किसी को भनक न लगी
केंद्रीय पत्र दिखाकर पिपली चिडिय़ाघर से शावकों को रोहतक किया शिफ्ट। तीनों शावकों अर्जुन, गीता और सुधा को नहीं रोक पाए सुधा। थानेसर व लाडवा विधायक को भी नहीं लगने दी भनक।
जेएनएन, पानीपत - आखिरकार पिपली चिडिय़ाघर से तीनों शावकों को रोहतक शिफ्ट कर ही दिया। चिडिय़ाघर के कर्मियों को सेंट्रल जू आथोरिटी के पत्र का हवाला देकर तीनों शावकों को रोहतक चिडिय़ाघर में ले जाया गया। वन्य जीव-जंतु चिकित्सक डॉ. अशोक खासा पांच महीने बाद अर्जुन, गीता व सुधा, तीनों शावकों को शिफ्ट कराने में भी कामयाब रहे। शावकों के शिफ्ट होने की भनक थानेसर व लाडवा विधायक तक को भी नहीं लग पाई। इससे पहले थानेसर विधायक सुभाष सुधा खुद दावा कर चुके हैं कि तीनों शावक चिडिय़ाघर की ही शोभा बढ़ाएंगे, लेकिन डॉ. अशोक खासा सब पर भारी पड़े।
पिछले दिनों भी शावकों को रोहतक में शिफ्ट करने की योजना बनी थी, लेकिन थानेसर विधायक सुभाष सुधा के हस्तक्षेप के चलते यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई थी। अब विभाग ने चुपचाप शावकों को यहां से रोहतक शिफ्ट करने की योजना तैयार की, जिसकी विधायक सुभाष सुधा व लाडवा विधायक डॉ. पवन सैनी को भी भनक नहीं लगी। हालांकि चिडिय़ाघर लाडवा विधानसभा क्षेत्र में आता है। विधायक डॉ. पवन सैनी भी इस मामले से अनभिज्ञ हैं।
उच्चाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
पिपली चिडिय़ाघर से तीनों शावकों को शिफ्ट करने की बात पर उच्चाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। डीएफओ एसएस रावत ने शावकों को शिफ्ट करने की बात पर अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि सेंट्रल जू आथोरिटी से पत्र आया था। इस मामले में सही जानकारी उच्चाधिकारी ही दे सकते हैं, उन्हें कोई अधिकार नहीं है।
पत्र के आधार पर सौंपे गए तीनों शावक
पिपली चिडिय़ाघर के इंचार्ज एवं वन्य प्राणी निरीक्षक तेजबीर ङ्क्षसह ने कहा कि उसे डॉ. अशोक खासा की ओर से केंद्रीय जू आथोरिटी का पत्र दिखाया गया था। इसके बाद तीनों शावकों को उन्हें सौंप दिया गया। वन्य प्राणी निरीक्षक ने दबी जुबान में कहा कि उन्हें स्पष्ट हिदायत थी कि इस मामले में किसी को जानकारी नहीं देनी है। खासकर डॉ. खासा ने कड़ी हिदायत दी थी कि मीडिया तक को भी इस बात की भनक नहीं लगनी चाहिए।
वन मंत्री से की जाएगी बातचीत - सुभाष सुधा
थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि तीनों शावकों को शिफ्ट करने के मामले में वे वन मंत्री नरबीर सिंह व राज्य वन मंत्री कर्ण देव कंबोज से बातचीत करेंगे। अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी कि किस आधार पर तीनों शावकों को चिडिय़ाघर से शिफ्ट किया गया है।
यह भी पढ़ें - जंगल के राजा शेर के तीन बच्चों की यह हालत, ऐसी जगह 'फंसे' की दहाड़ भी भूले