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Winter Season: शुरू हुआ ठंड का एहसास, रैन बसेरा में सुविधाओं का टोटा, कैसे होगा बचाव

अंबाला के इस रैन बसेरा की छत पर लगे सोलर पैनल तेज हवा और आंधी में उखड़ गए। इसके बाद से अब तक यह सोलर पैनल नगर परिषद से लेकर रैन बसेरा की देखरेख के लिए लगाए गए सुपरवाइजर ने भी जहमत नहीं उठाई।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 09:24 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 09:24 PM (IST)
Winter Season: शुरू हुआ ठंड का एहसास, रैन बसेरा में सुविधाओं का टोटा, कैसे होगा बचाव
अंबाला छावनी के सामान्य बस अड्ड परिसर में बने रैन बसेरा के भीतर लगाए गए बिस्तर।

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला छावनी के सामान्य बस अड्डा परिसर में बने रैन बसेरा में प्रशासन ने 140 बेड लगाए हैं। इसमें 100 बेड पर बिस्तर ही नहीं है। महज 40 सेट बिस्तर के सहारे रैन बसेरा में 140 लोगों को एक साथ रात बिताने की प्रशासन ने कर रखी है। बस अड्डा परिसर में करीब 1 करोड़ 52 लाख की लागत से रैन बसेरा बनाया गया। रैन बसेरा में 140 लोगों के ठहरने के लिए बेड के साथ अन्य सुविधाएं स्थापित की गई है। इसके लिए डीसी की अध्यक्षता में नगर परिषद अंबाला सदर और रेड क्रास सोसायटी की जिम्मेदारी तय की गई है। यह रैन बसेरा एक ठंड में जरुरतमंदों के लिए वरदान साबित हुआ, लेकिन इस बार तो यहां बेड हैं पर उस बिछाये जाने वाले अधिकतर बिस्तर गायब हैं। ठंड शुरू हो रही है, और यहां पर अगर एक साथ सौ लोग पहुंच गए तो रैन बसेरा में छत तो मिलेगा, लेकिन उन्हें बिस्तर मिलेगा या नहीं यह तय नहीं है।

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हवा में उखड़ गए सोलर पैनल

करीब छह महीने पहले रैन बसेरा की छत पर लगे सोलर पैनल तेज हवा और आंधी में उखड़ गए। इसके बाद से अब तक यह सोलर पैनल नगर परिषद से लेकर रैन बसेरा की देखरेख के लिए लगाए गए सुपरवाइजर ने भी जहमत नहीं उठाई।

70 महिलाओं के लिए अलग हाल

रैन बसेरा में महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए 70 बेड अलग हाल में लगाया गया है। शौचालय से लेकर पानी की व्यवस्था भी साथ होती है। महिलाओं के लिए बनाए गए शौचालय में पानी की सप्लाई ही नहीं हो रही है। पानी नहीं आने से यहां ठहरने वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

ठहरने के लिए आईडी दिखाना जरुरी

रोडवेज मुख्य गेट के साथ बने रैन बसेरा में ठहरने वालों को अपना आईडी दिखाना होता है। आईडी को रैन बसेरा का स्टाफ रजिस्टर में दर्ज करता है। कहां से आए, कब तक ठहरेंगे सहित अन्य जानकारी बताना होता है। अगर किसी के पास आईडी नहीं है तो उसे भी यहां रात ठहरने से रोका नहीं जा सकता है।

सुपरवाइजर रैन बसेरी बीएस बहल के अनुसार

इधर दो दिनों से पड़ रही ठंड में लोग रैन बसेरा में रात रुकने के लिए आने लगे हैं। यहां पर ठहरने वालों को बिस्तर और कंबल भी दिए जाते हैं। अगर कोई मुसाफिर ठहरना चाहता है तो उसे 100 रुपये की पर्ची कटवानी होगी।


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