अलग होने के बाद पिता के हवाले बच्चे, खुद ही सौंप रही मां, जानिये क्यों मुंह फेर रही ममता
बच्चों को साथ नहीं रखने के करनाल और पानीपत में ऐसे तीन केस सामने आए। वे खुद ही पुलिस के पास पहुंची और बच्चे पति के हवाले किए। मगर से स्वभाविक नहीं बल्कि एक अहम वजह है
पानीपत, जेएनएन। माता-पिता में विवाद और फिर अलग होने का फैसला। इसके बाद बच्चों की कस्टडी का सवाल। आमतौर पर यही होता है कि बच्चा मां के पास जाता है। मां ही चाहती है कि बच्चा उसे मिले। पर अब हालात बदल रहे हैं। मां खुद ही बच्चों को पिता के हवाले कर रही है। पुलिस के समक्ष ये गुहार अब ऐसी माताएं लगा रही हैं जो पारिवारिक रिश्तों में आई खटास के बाद बच्चों को अपने पास रख रही थी।
दरअसल, कोरोना काल से बिगड़ रहे आर्थिक हालात ने उन्हें बच्चों की अचछी परवरिश की चिंता सताने लगी है। अब उन्हें बच्चों के पिता में ही वह इंसान दिखाई देने लगा है, जो विपरित हालात में भी उनका न केवल पेट भर सकता है बल्कि उनके पास बच्चों की बेहतर परवरिश भी हो सकती है। करनाल और पानीपत जिले में ही अभी तक तीन ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिनमें मांओं की गुहार के बाद दोनों पक्षों की विशेष काउंसिलिंग की गई है। दो केस में बच्चों को उनके पिता को सौंपा जा चुका है। इन बच्चों को मिलाने वाले अधिकारियों की मानें तो कोरोना काल से बने हालात में पारिवारिक रिश्तों में आई कड़वाहट कम होती दिखाई देने लगी है।
केस नंबर एक : दिल्ली में सौंपे बच्चे
महिला करनाल की रहने वाली है, जिसके पति फिलहाल भी दिल्ली में प्राइवेट नौकरी कर रहे है। दोनों के बीच करीब दो साल पहले मतभेद के चलते पारिवारिक दूरियां भी बनी। महिला दोनों बच्चों के साथ करनाल में माता-पिता के पास रहने लगी। यहां महिला के पिता का कामधंधा ठप हो गया तो परिवार के समक्ष गुजारा चलाना भी मुश्किल हो गया। ऐसे में महिला ने दोनों बच्चों को पति के पास छोड़ना ही बेहतर समझा और पुलिस को गुहार लगाई। बाद में जिला प्रोटेक्टशन अधिकारी के मार्फत बच्चे पति को सौंपे गए।
केस नंबर दो : पिता ने खुशी खुशी स्वीकारा
करनाल की रहने वाली युवती की शादी कुरुक्षेत्र जिला के युवक के साथ हुई। दोनों के दो बच्चे भी हुए तो करीब ढाई साल पहले उनमें मतभेद हुआ। अपना हक जताते हुए महिला दोनों बच्चों को लेकर मायके रहने लगी, लेकिन पिता के पास इतना जरिया नहीं रहा कि वह सभी का पालन-पोषण कर सके। ऐसे में महिला ने पुलिस को गुहार लगाई कि दोनों बच्चे उनके पिता के पास ही छोड़े जाएं। जिला प्रोटेक्शन अधिकारी के मार्फत बच्चों को उनके पिता को सौंपा गया, जिन्हें दुकान चलाने वाले पिता ने खुशी से स्वीकार भी कर लिया।
केस नंबर तीन - इंदौर रहना चाहती है पत्नी, बच्चा पति संभाले
इंदौर की रहने वाली युवती ने पानीपत में प्रेम विवाह किया। पति से विवाद हुआ तो अलग होने का फैसला कर लिया। कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है। इनकी छह वर्ष की बच्ची है। पत्नी चाहती है कि पति ही बेटी को संभाले क्योंकि इस समय उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पति चाहता है कि बच्ची गांव में रहे। गांव और शहर के विवाद के कारण अभी फैसला नहीं हो सका। दोनों को पुलिस ने दोबारा बुलाया है।
हो सकता है रिश्तों पर जमी बर्फ पिघले
जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता का कहना है कि मतभेद के चलते पति से बच्चों सहित दूरी बनाकर बैठी महिलाओं ने अपने बच्चों के पालन पोषण का भरोसा आखिर उनके पिता पर ही जताया है। उन्हें बच्चों के पालन-पोषण की चिंता हुई तो ऐसे में बच्चे पिता को ही लौटाने की स्थिति बनी।
जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता।
ऐसे पति-पत्नी के रिश्तों में बनी दूरी भी कम दिखाई पड़ने लगी है। बच्चों के पालन-पोषण को लेकर ही सही, लेकिन एक नई स्थिति अवश्य बनी है। हो सकता है कि बच्चों के बहाने ही परिवार फिर से बस जाए। रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने तो लगी है।