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जींद में किसान ने दो एकड़ गेहूं पर चलाया ट्रैक्टर, बोला- जो टिकैत कहेंगे, उसका पालन करेंगे

गुलकणी गांव के किसान राममेहर ने दो एकड़ फसल नष्ट की। 10 एकड़ में राममेहर खेती करता है। कहा कि राकेश टिकैत के बयान के बाद यह कदम उठाया है। जल्द दूसरे किसान भी अपनी फसल नष्ट कर देंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 09:35 AM (IST)
जींद में किसान ने दो एकड़ गेहूं पर चलाया ट्रैक्टर, बोला- जो टिकैत कहेंगे, उसका पालन करेंगे
राममेहर ने कहा कि सरकार कानून वापस नहीं लेती, तो बाकी फसल भी नष्ट कर देगा।

पानीपत/जींद, जेएनएन। गुलकणी गांव के किसान राममेहर ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को ट्रैक्टर चला कर अपनी दो एकड़ गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। राममेहर 10 एकड़ में खेती करता है। उसने कहा कि अगर सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर किसानों की मांगें नहीं मानती है, तो वह अपनी बाकी फसल पर भी ट्रैक्टर चलाकर उन्हें नष्ट कर देगा। राजपुरा भैण गांव में भी दो एकड़ जमीन पर ट्रैक्टर चलाया है। बाकी किसान भी अपनी फसलों पर ट्रैक्टर चला देंगे। केवल घर खर्च के लिए फसल रखेंगे।

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जो राकेश टिकैत कहेंगे, उसका पालन किया जाएगा

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार मांगें नहीं मानती है, तो किसान अपनी फसलें जला देंगे। उनके इसी बयान के बाद उसने ये कदम उठाया है। राकेश टिकैत जो भी कहेंगे, उनका पालन किया जाएगा। फसल पकने के बाद जलाते, तो सरकार उन्हें कानूनी दांव-पेंच में उलझा सकती है। जुर्माना लगा सकती है और मामले दर्ज करवा सकती है। आग लगाने से प्रदूषण भी फैलता है। लेकिन खड़ी फसल की जुताई करने से सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती और फसल को खेत में काट कर मिलाने से हरी खाद मिलेगी। जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी।

किसी सूरत में आंदोलन को कमजोर नहीं पड़ने देंगे

उन्होंने कहा कि सरकार ये सोचती है कि फसलों की कटाई का समय आने से किसान दिल्ली बॉर्डर से वापस आ जाएंगे और आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा। किसी भी सूरत में आंदोलन को कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा। जब सरकार मांगें नहीं मान लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर खेत में काफी संख्या में गांव से महिलाएं भी मौजूद रही। जिन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तीनों कृषि कानूनों की वापसी और फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने की मांग की।


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