सुहागिनों का पर्व आज, बाजारों में रही रौनक
गुरुवार को करवा चौथ का पर्व है। बुधवार को सुहागिनों ने जमकर खरीदारी की।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर साल करवा चौथ मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 17 अक्टूबर को पड़ रही है। करवा चौथ को कर्क चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन को सुहागिनों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। करवा चौथ का व्रत कठिन होता है, क्योंकि व्रत अवधि में जल ग्रहण भी नहीं किया जाता। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए इस व्रत को रखती है। व्रत वाले दिन शाम के समय विवाहित महिलाएं भगवान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की विधिवत पूजा करती है। पूजन के बाद चंद्रमा को देखने और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती है।
करवा यानि मिट्टी का एक प्रकार का बर्तन होता है। जिसके द्वारा चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। करवा चौथ की पूजा के दौरान करवा आवश्यक पूजन सामग्री में आता है। जिसे पूजा के बाद किसी ब्राह्मण अथवा योग्य महिला को दान स्वरूप दिया जाता है। कथा के बाद व्रती महिलाएं अपने तरीके से व्रत खोलती हैं।
कथा के बाद हर व्रती महिला अपने अपने तरीके से व्रत तोड़ती है। इस दौरान छलनी में से अपने पति को देखते हैं और व्रत तोड़ने के लिए पति के हाथों से पानी की एक घूंट पीती है। कुछ पति भी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं। और साथ में खाना खाते हैं। शुभ मुहूर्त
तारीख 17 अक्टूबर
दिन :बृहस्पतिवार
पूजा मुहूर्त : शाम 5:50 से 07:05 बजे तक
पूजा मुहूर्त की कुल अवधि : 01 घंटा 15 मिनट
करवा चौथ व्रत समय : 06 :23 बजे से रात 08:16 बजे तक बाजारों में धूम
करवा चौथ पर बाजारों में रौनक छा गई है। 20 दिनों पहले मंदी से जूझ रहे बाजारों में चहल पहल बढ़ चुकी है। साड़ी, कपड़े कड़े चूड़ी की दुकानों पर महिलाएं खरीदारी करने पहुंच रही। दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लग रही है। वहीं ब्यूटी पार्लर भी बुक हो चुके हैं। इस दिन महिलाएं मेहंदी लगाती है। जगह -जगह मेंहदी लगाई जा रही है।