कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए ग्रामीण खौफजदा, गांव को किया जा रहा सैनिटाइज
करनाल में कोरोना वायरस से बुजुर्ग की मौत के बाद ग्रामीणों में काफी ज्यादा डर है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सक तैनात कर दिए और गांव को सैनिटाइज किया जा रहा।
पानीपत/करनाल, [सुशील कौशिक]। घरौंडा खंड के गांव के कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की मौत के बाद प्रशासन अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। पुलिस तैनाती बढ़ा दी गई और स्वास्थ्य विभाग की टीमें निरंतर ग्रामीणों से संपर्क कर पूछताछ कर रहे हैं। बुजुर्ग की मौत के बाद संपर्क में आए ग्रामीणों में खौफ है। गांव को पूरी तरह से सील किया गया है और पंचायत भी गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव करवा रही है।
शुक्रवार को खंड के गांव में रहने वाले पीड़ित में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। बुजुर्ग को 25 मार्च को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया था और करीब सप्ताह भर अस्पताल में रहने के बाद डॉक्टरों ने एक अप्रैल को बुजुर्ग का कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल चंडीगढ़ पीजीआई भेजा। तीन अप्रैल को रिपोर्ट में बुजुर्ग को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
पिता को संक्रमण कैसे हुआ, पता नहीं
मृतक के पुत्र ने बताया कि पिता और उसके परिवार की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। ऐसे में पिता को कोरोना वायरस का संक्रमण कहां से हुआ? इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बीते 20-21 मार्च को उसके पिता घरौंडा में करियाना का सामान लेने गए थे। बीमार होने पर उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया था। यहां सुधार नहीं होने पर उन्हें पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था।
बुजुर्ग के परिजन आइसोलेट
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुजुर्ग के परिवार के 12 सदस्यों को करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में आइसोलेट किया जा चुका है और गांव को सील करने के अलावा टीमें ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं। आइसोलेशन में रखे गए 12 सदस्यों में से तीन सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जिन्हें छुट्टी दे दी गई है। घर पहुंचे सदस्यों को क्वारंटाइन किया गया है।
जिला प्रशासन और ज्यादा सख्त
कोरोना पॉजिटिव की मौत ने जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। जाहिर तौर पर प्रशासन ने अब तक जितनी चौकसी बढ़ाई हुई थी अब उसको और सख्त करना होगा। इस मौत के बाद घरौंडा क्षेत्र के गांवों में दहशत इतनी है कि लोग घरों से बाहर झांक भी नहीं रहे हैं। पुलिस फोर्स तैनात करने के साथ ही पूरा गांव सील किया हुआ है, ताकि बाहर का कोई भी व्यक्ति गांव में दाखिल ना हो। इसके बावजूद लोग चिंतित हैं।
नया आशंकित दाखिल नहीं
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कुंजपुरा सैनिक स्कूल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रविवार को कोई नया आशंकित व्यक्ति दाखिल नहीं हुआ। वहीं 28 मार्च को कुंजपुरा सैनिक स्कूल में दाखिल सभी 22 संदिग्ध लोगों का स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक पाए जाने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
प्रशासन के समाने चुनौतियां
जमात में शामिल होकर लौटे लोगों को ट्रेस करना। क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि करनाल से जितने लोग जमात में शामिल होने के लिए गए थे उनको ट्रेस किया जा चुका है।
लॉकडाउन के बाद भी लोग घरों से बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोई ना कोई बाहना बनाकर लोग बाहर आने की कौशिश कर रहे हैं। उसको रोकना बड़ा मसला है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील के बाद भी अस्पताल में सामान्य फ्लू यानि खांसी-जुकाम के केस आ रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए।
यदि कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ जाती है तो सुपर स्पेशलिटी की व्यवस्था के लिए आइएमए पर निर्भर हैं, सरकारी सिस्टम में व्यवस्था नहीं।
ठीकरी पहरे से रोका जा सकता है संक्रमण
उपायुक्त करनाल निशांत कुमार यादव ने कहा कि हर गांव में ठीकरी पहरा लगाना सुनिश्चित करें। गांव के योग्य पुरुषों को ठीकरी पहरे पर लगाया जाए, जो गांव के हर प्रवेश पर खड़े हों। उनको मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाएं। ठीकरी पहरा 24 घंटे का हो, इसके लिए शिफ्टों में ड्यूटी दी जा सकती है।