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हरियाणा का करनाल बन रहा नशा तस्करी का गढ़, पंजाब में भी हो रही सप्लाई

एंटी नारकोटिक सेल की टीम ने सोमवार को ही गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए दो आरोपितों को 45800 नशीली गोलियों सहित काबू किया था। इनमें परगट सिंह वासी डेरा फत्तू वाला असंध व अरडाना गांव वासी अनिल कुमार शामिल हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 02:59 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 02:59 PM (IST)
हरियाणा का करनाल बन रहा नशा तस्करी का गढ़, पंजाब में भी हो रही सप्लाई
यहां से प्रदेश ही नहीं बल्कि चंडीगढ़ व पंजाब तक भी नशे की सप्लाई की जा रही है।

पानीपत/करनाल, जेएनएन : कर्णनगरी के नाम से प्रसिद्ध हरियाणा का सीएम सिटी करनाल अब प्रतिबंधित नशीली दवाओं का करनाल गढ़ बनता जा रहा है। यहां से प्रदेश भर में ही नहीं बल्कि चंडीगढ़ व पंजाब तक भी नशे की सप्लाई की जा रही है। इन दवाओं का सेवन नशे के आदी लोगों के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर होने वाले खेल आयोजनों में शामिल खिलाड़ी भी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश से लेकर देश के अन्य हिस्सों से लाई जाने वाली इन नशीली दवाओं के प्रदेश में फैलते नेटवर्क को देख न केवल एंटी नारकोटिक सेल के होश उड़ गए हैं बल्कि इसे तोड़ना चुनौती बन गया है।

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45800 नशीली गोलियों सहित दो आरोपित किए काबू

एंटी नारकोटिक सेल की टीम ने सोमवार को ही गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए दो आरोपितों को 45,800 नशीली गोलियों सहित काबू किया था। इनमें परगट सिंह वासी डेरा फत्तू वाला, असंध व अरडाना गांव वासी अनिल कुमार शामिल हैं। आरोपित परगट के घर से ट्रामाडोल नामक प्रतिबंधित गोलियों की चार पेटियां बरामद की गईं। जिनमें 39800 गोलियां थीं। उसने ये गोलियां अनिल वासी गांव अरडाना से खरीदी थी। टीम ने तत्काल ही छापेमारी की और आरोपित अनिल को भी घर से ही काबू कर लिया तो उसके कब्जे से नशे की छह हजार गोलियां लोमोटिल बरामद की। आरोपी अनिल को भी दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

दूसरे प्रदेशों में लगा रहे अस्थायी दुकानें 

पुलिस द्वारा पूछताछ में पता चला है कि आरोपित अनिल के पिता लंबे समय से दूसरे प्रदेशों में जगह बदल-बदल कर टेंट रूपी दवा बेचने की अस्थायी दुकानें लगाते रहे हैं। इसी की आड़ में नशीली व प्रतिबंधित दवाएं बेचने का भी काम शुरू कर दिया गया। यहीं नहीं परगट सिंह के भाई दिलबाग सिंह भी इसी अवैध कारोबार में जुटे है, जिन्हें दो दिन पहले ही फतेहाबाद में 40 हजार गोलियों के साथ पुलिस ने काबू किया। यहीं नहीं असंध में ही इसी माह एक आरोपित को आठ हजार गोलियों के साथ तो एक आरोपित को निसिंग क्षेत्र से चार हजार गोलियों के साथ काबू किया जा चुका है। आरोपितों ने खुलासा किया है कि वे एक ही दिन में इन गोलियों की आपूर्ति कर पांच से छह लाख रुपये तक भी कमा लेते हैं।


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