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करनाल डीसी ऑफिस के कर्मी सहित दो के खिलाफ एफआइआर

पुलिस मुर्दाबाद...मुझे मेरे बेटे से बचाओ का शोर कर लघु सचिवालय स्थित बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के कार्यालय में हंगामा करने वाले नरेश कुमार के खिलाफ सिटी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपित के साथ रहा डीसी ऑफिस करनाल के कर्मचारी का नाम भी मुकदमे में शामिल है। घटना 2

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 08:36 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 08:36 AM (IST)
करनाल डीसी ऑफिस के कर्मी सहित दो के खिलाफ एफआइआर
करनाल डीसी ऑफिस के कर्मी सहित दो के खिलाफ एफआइआर

जागरण संवाददाता, पानीपत

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पुलिस मुर्दाबाद...मुझे मेरे बेटे से बचाओ का शोर कर, लघु सचिवालय स्थित बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के कार्यालय में हंगामा करने वाले नरेश कुमार के खिलाफ सिटी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपित के साथ रहा डीसी ऑफिस करनाल के कर्मचारी का नाम भी मुकदमे में शामिल है। घटना 28 जुलाई की है, प्रकरण में खूब शोर शराबा हुआ था। आरोपितों पर कोर्ट की अवमानना का भी आरोप है।

सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 25 जुलाई को 15 वर्षीय किशोर ने पिता के खिलाफ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए शिकायत चाइल्ड लाइन के जरिए दी थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए किशोर के पिता नरेश वर्मा को नोटिस के जरिए बुलवाया गया था। दोनों पक्षों की काउंसलिग भी कराई गई थी। किशोर की मां से भी फोन पर बात की गई थी। 28 जुलाई को किशोर, उसके पिता को पूर्वाह्न 11.30 बजे पेश होने के निर्देश दिए थे। नरेश वर्मा दोपहर करीब एक बजे सीडब्ल्यूसी कार्यालय पहुंचा, उसका भांजा बिजेंद्र वर्मा (डीसी ऑफिस करनाल का कर्मचारी) सहित आठ-दस लोग हाजिर हुए। सदस्य सरोज कुमारी ने नरेश से पूछा कि अपने बेटे को भोजन क्यों नहीं दिया। इतना कहते ही नरेश ने कार्यालय में चिल्लाना शुरू कर दिया। सीडब्ल्यूसी के विषय में अपशब्द कहे।

कार्यालय के बाहर जाकर भी अपशब्द कहे। कार्यालय के काम में बाधा डालते हुए मारने की धमकी दी। कोर्ट की अवमानना भी की है। सिटी थाना पुलिस ने चेयरपर्सन की दी शिकायत पर दोनों आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

हेड कांस्टेबल की टिप्पणी, नहीं डाली कार्य में बाधा :

एफआइआर में हेड कांस्टेबल दलशेर ने भी प्राथमिक जांच के बाद टिप्पणी दर्ज की है। उसने लिखा कि मौके पर जांच के लिए पहुंचा था। सीडब्ल्यूसी कार्यालय में 10-12 लोग बैठे थे। कर्मचारियों व अन्य से मौखिक पूछताछ की गई तो सरकारी कार्य में बाधा डालने वाली बात नहीं मिली। नरेश व बिजेंद्र ने तैश में आकर अपशब्द व जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है।

यह है नरेश का कहना

नरेश ने बताया कि मैं कोर्ट परिसर में टाइपिस्ट हूं। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी करीब 18 साल पहले की थी। दूसरी पत्नी से दो पुत्र हैं। 15 वर्षीय बड़े बेटे को गलत व्यवहार के चलते बेदखल किया हुआ है। आरोप लगाया कि बड़ा बेटा उसके साथ मारपीट करता है। मुझे घर में नहीं रहने देता। मेरे खिलाफ पुलिस को झूठी शिकायत देता है। चाइल्डलाइन को भी झूठी शिकायत दी है। बेटा नाबालिग है, उसकी सुनवाई सब कर रहे हैं। मेरा पक्ष पुलिस, चाइल्ड लाइन और सीडब्ल्यूसी समझने को तैयार नहीं है।


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