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Kapalmochan Mela: इस बार भी कपालमोचन मेला स्थगित, श्रद्धालुओं को रोकने के लिए लगेंगे बैरिकेट

एक बार फिर कपालमोचन मेला स्‍थगित कर दिया गया है। एसडीएम बिलासपुर ने बैठक करके फैसला लिया। श्रद्धालुओं को रोकने के लिए लगेंगे बैरिकेट। गुरु नानक देव जयंती पर हर साल मेले में आते हैं पांच से छह लाख श्रद्धालु।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 05:32 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 05:32 PM (IST)
Kapalmochan Mela: इस बार भी कपालमोचन मेला स्थगित, श्रद्धालुओं को रोकने के लिए लगेंगे बैरिकेट
एक बार फिर से कपालमोचन मेला स्‍थगित।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कपालमोचन में गत वर्ष की तरह इस बार भी राज्यस्तरीय मेला नहीं लगेगा। कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को कोई नुकसान न पहुंचे इसलिए श्राईन बोर्ड ने मेला आयोजित न करने का निर्णय लिया है। प्रतिबंध के बावजूद कार्तिक पूर्णिमा पर मेले में कोई श्रद्धालु न आ सके इसलिए इसके लिए भी प्रशासन कपालमोचन परिसर के चारों तरफ नाके लगाएगा। ताकि बाहर से आने वाले लोगों वापस भेजा जा सके। यह जानकारी एसडीएम बिलासपुर जसपाल सिंह गिल ने मंगलवार को अधिकारियों से मीटिंग के बाद रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।

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जसपाल सिंह गिल ने बताया कि गत वर्ष कोविड महामारी के चलते मेले को स्थगित कर दिया गया था। इस बार भी कोरोना का संक्रमण भी पूरी से समाप्त नहीं हो पाया है। हमारा पहला कर्तव्य श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा है। मेले के आयोजन को लेकर 22 अक्टूबर को डीसी पार्थ गुप्ता ने श्राइन बोर्ड सदस्यों, कपालमोचन के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थाअों के संचालकों व अधिकारियों से बैठक विचार विर्मश किया था। जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज आगामी दो दिन में निर्णय लेने की बात कही थी। उच्च अधिकारियों के आदेश पर पूरी परिस्थितियों की गंभीरता से जांच करते हुए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को देखते हुए मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

राज्यों को पत्र लिख कर सूचना देगा प्रशासन

जसपाल गिल ने बताया कि प्रशासन द्वारा मेले में पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के प्रशासन को भी पत्र लिखकर मेले के स्थगित होने बारे सूचित किया जाएगा। कपालमोचन की विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें अपनी संगत को मेले के स्थगित होने के बारे में सूचित करने के लिए कहा जाएगा। मेले में बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। आवश्यकता पड़ने पर सख्त कारवाई की जाएगी। मुख्य मार्गों पर बैरिकेट लगा कर प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। एक भी संक्रमित श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। गिल ने बताया कि कपालमोचन में स्थित सरोवारों में स्नान पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। जिसके लिए श्राइन बोर्ड द्वारा तीनों सरोवरों से पानी की निकासी करवा खाली करवा दिया जाएगा। प्रशासन का पहला प्रयास श्रद्धालुओं की सुरक्षा व स्वास्थ्य का ध्यान रखना है।

गुरु नानक देव जयंती पर होता है मेले का आयोजन

नवंबर माह में गुरु नानक देव जयंती पर उपमंडल बिलासपुर के कपालमोचन में हर साल राज्यस्तरीय मेले का आयोजन होता है। मेले में पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों से हर साल पांच से छह लाख श्रद्धालु आते हैं। सबसे ज्यादा श्रद्धालु पंजाब से आते हैं। कपालमोचन में गुरु गोबिंद सिंह 52 दिन तक रूके थे। यहां पर ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। इसके अलावा यहां कपालमोचन, ऋण मोचन व सूर्यकुंड सरोवर है। मान्यता है कि तीनों सरोवरों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। कार्तिक पूर्णिमा की रात 12 बजे श्रद्धालु तीनों सरोवरों में स्नान करते हैं।


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