कुरुक्षेत्र में कालबेलिया लोक नृत्य ने राजस्थान की लोक सांस्कृतिक की यादें ताजा, कोरोना में भी जीवित रखा
हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की निदेशिका प्रतिमा चौधरी की देखरेख में पुरुषोतमपुरा बाग में हरियाणा पैवेलियन कि तैयारिया पूरी की गई हैं। वीरवार को प्रस्तुति शुरू होंगी। ये 14 दिसम्बर तक चलेंगी। यहां हरियाणा का खानपान आकर्षण का केंद्र होगा।
कुरुक्षेत्र, जगमहेन्द्र सरोहा। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में कलाकारों ने कालबेलिया लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर राजस्थान संस्कृति के अहम पहलुओं को ताजा करा दिया। लोक कलाकारों ने कालबेलिया व चकरी नृत्य के माध्यम से भगवान की आराधना के साथ-साथ अन्य राजस्थानी त्योहारों पर महिलाओं के मन में उठने वाली उमंग को दर्शाया। लोक नृत्य को देखकर कुरुक्षेत्र उत्सव में आए दर्शक गदगद हो रहे हैं।
पर्यटकों ने खूब लिया सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शिल्प कलाओं का आनंद
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के बैनर तले सीमा कालबेलिया अपनी टीम के साथ प्रस्तुति दी रही हैं। मंच पर सबसे पहली प्रस्तुति राजस्थान से आए लोक कलाकारों के इस ग्रुप की है। राजस्थान से इस ग्रुप के कलाकार विशेष तौर पर कालबेलिया और चकरी लोक नृत्य की प्रस्तुति दे रही हैं। कलाकारों ने अपने पांव पर परम्परागत आभूषण बांधकर और हाथों में राजस्थानी परम्परा के अनुसार चूड़ा पहन कर जबरदस्त प्रस्तुती दी। इस प्रस्तुति को देखकर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इन कलाकारों ने अपने इस लोक नृत्य के माध्यम से तीज त्योहारों के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले नृत्य की प्रस्तुत देकर सबको भार विभोर कर दिया। जैसे ही इन कलाकारों की प्रस्तुति सम्पन्न हुई तो ब्रहमसरोवर का घाट तालियों से गूंज उठता है। सीमा कालबेलिया ने बताया कि वह पांच साल से महोत्सव में आ रही हैं। उनकी सातवीं पीढ़ी कालबेलिया नृत्य कर रही हैं।
लाकडाउन में खुद को संभाला
सीमा ने बताया कि कोरोना के दौरान लाकडाउन सबसे खतरनाक रहा। एक समय उनके सामने अंधेरा से छा गया। उसने खुद को संभाला और मंच के कार्यक्रम न होने पर बच्चों को नृत्य सीखना शुरू कर दिया। इससे नई पीढ़ी को कालबेलिया नृत्य के बारे में सीखने को मिला और उसकी आय भी बन्द नहीं हुई। अब स्थिति सामान्य हो रही है। वह इस बार भी महोत्सव में धूम मचाने को आए हैं।
कुल्लू नाटी और गद्दी नाटी
हिमाचल के लोक कलाकारों ने कुल्लू नाटी व गद्दी नाटी नृत्य के माध्यम से पर्यटकों का खूब मनोरंजन कर रहे हैं। हिमाचल का ग्रामीण जीवन स्तर भी दर्शाने भी सरोवर पर हो रहे हैं। । हिमाचल के चम्बा जिले से गद्दी और पंजाब का भांगड़ा व जिंदवा तथा उत्तराखंड का छबेली नृत्य भी लोगों ने पसंद किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन जरनैल सिंह संभाल रहे हैं।
हरियाणा पैवेलियन और राज्यस्तरीय प्रदर्शनी की तैयारियां पूरी
हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की निदेशिका प्रतिमा चौधरी की देखरेख में पुरुषोतमपुरा बाग में हरियाणा पैवेलियन कि तैयारिया पूरी की गई हैं। वीरवार को प्रस्तुति शुरू होंगी। ये 14 दिसम्बर तक चलेंगी। यहां हरियाणा का खानपान आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें रोहतक के भीम के परांठे होंगे। इसके साथ उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के मंच पर देशभर के बड़े कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।