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पिता बीमार हुए तो कैथल के किसान ने शुरू की जहरमुक्त खेती, हो गए मालामाल

कैथल के किसान रणदीप सब्जी की जैविक तरीके से खेती करते हैं। सालाना 90 हजार एकड़ कमा रहे हैं। गोबर व हरी खाद का करते हैं सब्जियों में प्रयोग। तीन लोगों को नौकरी पर भी रखा है। 15 एकड़ में सालाना साढ़े 13 लाख रुपये कमाते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 05:47 PM (IST)
पिता बीमार हुए तो कैथल के किसान ने शुरू की जहरमुक्त खेती, हो गए मालामाल
कैथल के किसान रणदीप गोबिदगढ़ अपनी फसलों को दिखाते हुए।

कैथल, जेएनएन। किसान ज्यादा लाभ कमाने के लालच में रासायनिक पद्धति से खेती करते हैं। लेकिन कैथल के गोबिंदगढ़ के किसान रणदीप ने सिद्ध कर दिखाया है कि जैविक पद्धति से खेती करके लाभ के साथ बीमारियाें से लोगों को बचाया जा सकता है।

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यह किसान अपनी 15 एकड़ जमीन में खर्च निकालकर जैविक सब्जी से 90 हजार रुपये हर साल कमा रहे हैं। रणदीप बताते हैं कि पिता एक दिन बीमार हो गए थे, डॉक्टर ने जैविक खान पान की वस्तुओं का सेवन करने की सलाह दी थी। तब मन में सोच लिया था कि जैविक खेती ही करनी है। तभी से दो एकड़ में जैविक सब्जियां उगाने की ठानी। पहले वर्ष कम जानकारी के अभाव में सब्जी कम हुई। उसके बाद हिम्मत नहीं हारी। उसके बाद धीरे- धीरे लागत के हिसाब से ज्यादा आमदनी होना शुरू हो गई। अब सब्जी की खेती से सालाना 90 हजार रुपये एकड़ आमदनी हो रही है। 15 एकड़ में सालाना 13 लाख 50 हजार रुपये आमदनी होती है। 

ये सब्जियां उगाते हैं

किसान रणदीप बताते हैं कि मौसम के हिसाब से सब्जियों को उगा रहे हैं।  मटर, आलू, गाजर, प्याज, लहसुन, घिया, टिंडा, तोरी, खीरा, भिंडी, मूली, शलगम, खरबूजा, बूटी इत्यादि की जैविक खेती करते है। वहीं घर में प्रयोग करने के लिए अपने खेत में निंबू, मौसमी व अमरूद के पेड़ भी लगाए हैं, जिस पर उच्च गुणवत्ता के फल आते हैं। उनका सेवन करते है। 

खेत में आ रहे खरीदार : रणदीप

प्रगतिशील किसान रणदीप ने बताया कि फसल बेचने के लिए वह कभी मंडी में नहीं जाता है। व्यापारी खेत से ही अच्छे भाव में फसल खरीदने के लिए आते हैं। हरियाणा के हिसार, जींद, नरवाना, कैथल, कुरुक्षेत्र सहित पंजाब के अमृतसर, लुधियाना, बठिंडा, जालंधर के व्यापारी सब्जियों को खरीदकर ले जाते हैं। फसल बेचने के बाद भुगतान को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है। समय पर सभी व्यापारियों से पैसे आ जाते है। सब्जियों को तोड़ने के लिए तीन लोगों को नौकरी दी हुई है। 

जैविक खाद डालते हैं खेत में

किसान रणदीप बताते है कि खेत में गोबर, हरी खाद, ढेंचा इत्यादि का प्रयोग करते है। रासायनिक किसी खाद का प्रयोग नहीं करते है। समय समय पर खेत की मिट्टी की जांच करवाते है। 

विभाग समय-समय पर देता प्रशिक्षण

डीएचओ बागवानी विभाग प्रमोद कुमार ने बताया कि किसान रणदीप अच्छी जैविक सब्जियां उगाते हैं। विभाग द्वारा समय- समय पर कैंपों में बुलाकर उनकी सब्जियों का प्रशिक्षण दिया जाता है। नए बीजों की जानकारी दी जा रही है। 

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