Move to Jagran APP

सूर्य ग्रहण से पहले गुरु अस्त, मंगल ने बदली राशि, और भी जानिए खगोलीय घटना के बारे में

सूर्यग्रहण पर कंकण आकृति केरल तमिलनाडु कर्नाटक सहित दक्षिण प्रदेशों में दिखेगी। 8 वर्ष 11 मास 22 दिन बाद 26 दिसंबर को कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण मेला लगेगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 09:47 AM (IST)
सूर्य ग्रहण से पहले गुरु अस्त, मंगल ने बदली राशि, और भी जानिए खगोलीय घटना के बारे में
सूर्य ग्रहण से पहले गुरु अस्त, मंगल ने बदली राशि, और भी जानिए खगोलीय घटना के बारे में

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। सूर्यग्रहण एक अछ्वुत खगोलीय घटना है, लेकिन अबकी बार ग्रह नक्षत्रों ने कुछ विशेष चाल चली है। यह प्राकृतिक रूप से शुभ नहीं है। एक और इस मास 26 दिसंबर को सूर्यग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा, तो वहीं 15 दिसंबर को गुरु ग्रह अस्त हो गए हैं। सूर्यग्रहण से एक दिन पहले 25 दिसंबर को मंगल ग्रह रात्रि 9-27 पर तुला राशि छोड़कर वृश्चिक में प्रवेश करेगा। इस घटना से भूकंप, बाढ़, बर्फबारी और असमय बरसात से जनधन की हानि के संकेत हैं। इस साल का सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को लग रहा है। सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन लगता है। हिंदू पंचांग की मानें तो पौष माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहते हैं। 

loksabha election banner

गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक पंडित रामराज कौशिक ने बताया कि पौष मास की मौनी अमावस्या पर मूल नक्षत्र, वृद्धि योग, नागकरण की साक्षी में सूर्यग्रहण होगा। धनु राशि पर होने वाले ग्रहण में चार ग्रह मौजूद रहेंगे और गुरु अस्त होगा है। सूर्य ग्रहण सुबह 8 बजकर 18 मिनट और 28 सैकेंड पर शुरू होगा। इसकी कुल अवधि 2 घंटे 36 मिनट 38 सेकेंड रहेगी। 10:55 बजे तक रहेगा। सूर्यग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा, लेकिन इसकी कंकण आकृति केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक सहित दक्षिण प्रदेशों में दिखेगी। शेष भारत में यह खंड ग्रास के रूप में दिखाई देगा।

सूतक 25 की शाम 8:18 बजे से 

सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले 25 दिसंबर को शाम 8 बजकर 18 मिनट से लगेगा और ग्रहण तक रहेगा। सूतक काल को किसी शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। 

Kurukshetra

पिंडदान कर पितरों का मोक्ष 

शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण पर तीनों लोकों के सभी तीर्थ तालाब और पवित्र नदियों तथा सभी देवी देवताओं का वास कुरुक्षेत्र के तीर्थों में होता है और जब तक सूर्यग्रहण शुद्ध नहीं होता, तब तक यह अछ्वुत संगम बना रहता है। यहां स्नान, दान और पितरों का पिंडदान करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी। इससे 100 अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है। 

  • 2030 तक का सूर्य ग्रहण : 
  • दिनांक                       प्रारंभ            मध्य       मोक्ष        समय अवधि
  • 26 दिस.2019      सुबह 8-18-28     9-30      10-55-6     दो घंटे 36 मिनट 38 सेेकेंड  
  • 21 जून 2020       सुबह 10-21-03  12-01    13-47-26   तीन घंटे 26 मिनट 23 सेेकेंड 
  • 25अक्तू 2022      शाम 16-27       17-28      18-25      एक घंटे 58 मिनट 
  • 2अगस्त 2027     शाम 15-53       16-27      17-00      एक घंटा 07 मिनट 
  • 1 जून 2030         सुबह 10-15       11-32      12-56      दो घंटे 41 मिनट

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.