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जोगिया द्वारे द्वारे

कांग्रेस में जब से राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद की कमान संभाली है, पानीपत की राजनीति में हलचल दिखने लगी

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jan 2018 02:59 AM (IST)
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जोगिया द्वारे द्वारे

कांग्रेस में जब से राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद की कमान संभाली है, पानीपत की राजनीति में हलचल दिखने लगी है। हाथ वाले वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को युवा अध्यक्ष से काफी उम्मीदें हैं। पानीपत में एक वरिष्ठ नेता ने अपने ड्राइंग रुम में आका का फोटो लगा रखा था। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें सलाह दी कि फोटो को यहां से हटा दें। नेताजी ने कार्यकर्ताओं की बात मान ली। फोटो हटाने के बाद पूछा, ऐसी सलाह क्यों दी। इनकी बदौलत ही हम इस पार्टी में शाहंशाह बनेंगे। कार्यकर्ताओं ने दबी जुबान से कहा गुरुजी की बात मानो। 2019 के चुनाव में जातीय राजनीति हावी रहेगी। आलाकमान को पता चल गया तो टिकट का पत्ता साफ हो जाएगा।

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पुलिस रिश्वत का रेट पानीपत में कम : जोगिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। कई मेल एक्सप्रेस ट्रेनें लेट थी। प्लेटफार्म यात्रियों से खचाखच भरा था। प्लेटफार्म पर थोड़ी देर तक टहलने के बाद विश्रामगृह में प्रवेश करने लगा। बरामदे पर दो जेबकतरे मैले कुचले कपड़े पहने बैठे थे। एक नशे में था। जोगिया वहां कुछ देर रुका। नशे में जेबकतरा बोलने लगा कि करनाल में पुलिस वाले ज्यादा पैसे लेते है। पानीपत ही ठीक है। यहां तो जेब में डाका डालने के बाद कम रिश्वत में अपना काम चल जाता है। दूसरे जेबकतरे ने उसकी बातों पर सहमति जता दी। नशे में धुत्त जेबकतरा कहने लगा बिना पूंजी का मेरा बिजनेस तो पानीपत में ही फलेगा फूलेगा। पुलिस की बेगार कम है.अपना मुनाफा ज्यादा।

होर्डिग से बिछाने लगे चुनावी बिसात

छोटे कद वाले नेता होर्डिग के सहारे चुनाव की दावेदारी जताने लगे हैं। ग्रामीण विधानसभा में रोज नए होर्डिग लगा रहे हैं। वर्ष 2014 के चुनाव से पहले सक्रिय एक नेता ने ग्रामीण क्षेत्र में होर्डिग लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। जोगिया शनिवार को घूमते-घूमते शहर की दो बाहरी कालोनियों में पहुंचा। दोनों ग्रामीण विधानसभा में आते हैं। कालोनीवासियों की समस्या से अवगत होने के बाद नजर होर्डिग पर पड़ी। जोगिया ने पूछा ये कौन से नेताजी आ गए। ग्रामीणों ने कहा कि पिछली बार भी दावेदार थे। चुनाव का एक वर्ष रह गया है। होर्डिग के सहारे चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं।

निगम पर हल्ला बोल

सेक्टर 11 में एंजल मॉल को सील करने का मामला सुर्खियों में रहा। बैक्वेंट हॉल को सील करने की आड़ में निगम के अधिकारियों ने मॉल को ही सील कर दिया। कोर्ट के आदेश पर 72 घंटे बाद ही सील भी खोलने आ गए। मॉल में जिनकी दुकानें थी, वो नेताजी के पास अर्जी लेकर पहुंचे। नेताजी ने भरोसा दिलाया। डीसी से मिलने पहुंचे। निगम पर बरस पड़े। अधिकारी ने निगम कमिश्नर को फोन लगा दिया। जोगिया सेक्टर 12 में एक वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी से मिलने पहुंचा। दो कार्यकर्ता उनके पास इसी मॉल के मसले पर चर्चा कर रहे थे। एक कार्यकर्ता नेताजी के इस कदम को सही ठहरा रहा था, तो दूसरा इसे चुनाव से जोड़ कर दिखाने लगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में नेताजी के साहसिक कदम की दोनों तारीफ करने लगे। पार्टी पदाधिकारी ने ऑफ द रिकार्ड कहा कि कुछ ऐसे सवाल हैं, जो भविष्य में राज खोलेंगे। दुकानदार जनप्रतिनिधि के पास जाने की बजाए नेताजी के पास क्यों गए। नेताजी का एक-दो पार्षद ही साथ देने क्यों आए। नेताजी के इस कदम पर पार्टी से उन्हें क्या तोहफा मिलेगा।

सस्ता मिलेगा, पानीपत से खरीदो कंबल

दिसंबर माह बीत गया। जनवरी के प्रथम सप्ताह में कड़ाके की सर्दियां पड़ी। प्रशासन ने इस बार कंबल नहीं बांटे। रेडक्रॉस सोसाइटी भी आगे नहीं आई। प्रदेश के अन्य जिलों से ठंड की वजह से कंबल की डिमांड पानीपत में आने लगी है। बड़े साहब को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। रेडक्रॉस सोसाइटी से कंबल भी भेजा जा रहा है। आदेश ऊपर से आया है कि पानीपत में सस्ते कंबल खरीदो और उसे बंटवाओ।

प्रस्तुति : अरविन्द झा ।


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