जजपा विधायक रामकरण काला बोले- सरकार से पहले किसानों के साथ हूं मैं
जजपा के विधायक रामकरण काला ने गठबंधन में जजपा पार्टी की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा जनता के साथ नाजायज नहीं होने देंगे।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। सरकार के साथ गठबंधन में चल रही जजपा पार्टी के शाहाबाद विधायक रामकरण काला ने अनदेखी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों में तालमेल नहीं है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह सब किसी के इशारे पर हो रहा है। विधायक रामकरण काला बुधवार को इस पूरे विषय को लेकर मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि जजपा के विधायकों को नजरअंदाज किया जा रहा है और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने क्षेत्र में धान की फसल न लगाने के फैसले को किसानों और मजदूरों के साथ ज्यादती बताया है। उन्होंने बताया कि पहले तो दादूपुर नलवी नहर को झूठे एफिडेविट के सहारे बंद कर दिया और अब धान न लगाने का फरमान सुनाकर किसानों को बर्बाद करने की साजिश है। वह इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। वह सरकार से पहले किसानों के साथ हैं।
मिठाई बांटने वालों का हश्र चुनाव में देखा
विधायक रामकरण काला ने कहा कि कुछ लोगों ने दादूपुर नलवी नहर को बंद करने के बाद मिठाइयां बांटी थी। चुनाव में उनका हश्र हर किसी ने देखा है। यह किसी से छुपा नहीं है। प्रशासन की धक्काशाही किसी कीमत पर भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर विष्णु भगवान गुप्ता, जगबीर मोहड़ी, डा. प्रवीण शर्मा मौजूद रहे।
इधर, भाकियू ने सरकार के नए आदेशों का किया विरोध
भारतीय किसान यूनियन मेरा जल-मेरी विरासत स्कीम के विरोध में उतर आई है। प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने बुधवार को एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने सरकार के 19 ब्लॉक में से 50 प्रतिशत से अधिक भूमि पर धान की रोपाई पर प्रतिबंध लगाने के आदेशों को तानाशाही फैसला बताया। उन्होंने डार्क जोन के सभी किसानों की 15 मई को शाहाबाद अनाज मंडी में बैठक बुलाकर बड़ा निर्णय लेने की चेतावनी दी है।
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि डार्क जोन को रिचार्ज करने वाली दादूपुर नलवी नहर का कोर्ट के आदेश के बाद भी किसानों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजे न देने के कारण बंद करवाया है। इसके बाद इस क्षेत्र की भूमि की सिंचाई की कोई योजना नहीं बनाई गई। अब सरकार 19 ब्लॉक में 50 प्रतिशत से अधिक भूमि पर धान रोपाई पर प्रतिबंध लगाया है। इस आदेश को न मानने वाले किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरा जल-मेरी विरासत स्कीम के नाम से जारी किए गए आदेश किसानों के हक में नहीं हैं।
इन ब्लॉकों में नहीं कर सकते खेती
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान प्रदेश के 19 ब्लॉकों में धान की खेती नहीं कर सकता। इनमें से आठ ब्लाक पीपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माईलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र), रतिया (जिला फतेहाबाद) व सिरसा (जिला सिरसा) सीवन व गुहला (जिला कैथल शामिल हैं। इन खंडों में 4,44,667 एकड़ जमीन है। इसमकें 50 प्रतिशत यानि 2,22,334 एकड़ पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है। इसी प्रकार उपरोक्त 19 ब्लॉक में अगर किसान ने 50 प्रतिशत से अधिक भूमि में धान की खेती की तो किसान को सरकार की सब तरह की सब्सिडी से इन्कार होगा व किसान का धान भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा। प्रदेश के 26 ब्लॉक में पंचायती भूमि पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है। इनमें संध (जिला करनाल), पुंडरी, सीवन, गुहला (जिला कैथल), नरवाना (जिला जींद), थानेसर, बबैन, शाहबाद, पेहवा, पीपली, इस्माईलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र), अंबाला-1, साहा (जिला अंबाला), रादौर (जिला यमुनानगर), गन्नौर (जिला सोनपत), रतिया, फतेहाबाद (जिला फतेहाबाद), सिरसा (जिला सिरसा) शामिल हैं। धान की जगह मक्का पैदा करने के लिए जल ही जीवन स्कीम में 7 ब्लॉक असंध, पुंडरी, नरवाना, थानेसर, अंबाला-1, रादौर व गन्नौर शामिल किए हैं। सरकार की अनदेखी हर किसी के लिए चिंता का विषय है।